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बांग्लादेश को गुलाम बना रहा पाकिस्तान, खुल रहे ISI के ऑफिस, यूनुस के खुफिया कारनामे… पूर्व मंत्री ने किए हैरतअंगेज खुलासे

Pakistan making inroads in Bangladesh: शेख हसीना सरकार में मंत्री रहे मोहिबुल हसन चौधरी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई, मौजूदा मोहम्मद यूनुस सरकार की मदद से बांग्लादेश को अपना नियंत्रण क्षेत्र बनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने 2001-2006 की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि तब बांग्लादेश का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए एक ट्रांजिट जोन के रूप में किया गया था. अब एक बार फिर से वैसा ही हो रहा है.

Pakistan making inroads in Bangladesh: बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार को गिरा दिया गया. अपनी जान के खतरे को भांपते हुए बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना भारत आ गईं. लेकिन आवामी लीग की हसीना सरकार गिरने के बाद से बांग्लादेश में पाकिस्तान का दखल बढ़ गया है. सत्ता परिवर्तन के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने सत्ता संभाली है. इसके बाद एक बार फिर से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने बांग्लादेश में अपनी गहरी जड़ें जमा ली हैं. पाकिस्तान ने बांग्लादेश को आतंकी गतिविधियों के लिए एक सेफ हेवेन की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. हालांकि पहले भी पाकिस्तान इसी तरह के एक्शन में लगा रहा था. अब वह बांग्लादेश को एक गुलाम राष्ट्र की तरह बनाना चाहता है. पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई, मौजूदा मोहम्मद यूनुस सरकार की मदद से बांग्लादेश को अपना नियंत्रण क्षेत्र बनाने की कोशिश कर रही है.

हसीना सरकार में मंत्री रहे मोहिबुल हसन चौधरी ने सोमवार को आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने 2001 से 2006 के बीच भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए बांग्लादेश को ट्रांजिट पॉइंट (आवागमन मार्ग) के रूप में इस्तेमाल किया था. उन्होंने दावा किया कि शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का उद्देश्य बांग्लादेश को अपना गुलाम राज्य (वेसल स्टेट) बनाना है. एएनआई को दिए एक विशेष इंटरव्यू में चौधरी ने मोहम्मद यूनुस सरकार पर आरोप लगाया कि वह पाकिस्तान के उग्रवादी तत्वों आईएसआई, सेना और पंजाबी एलीट वर्ग के साथ नजदीकी बढ़ा रही है. चौधरी, पूर्व पीएम शेख हसीना के करीबी और बांग्लादेश अवामी लीग के संगठन सचिव रह चुके हैं. पिछले साल शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद उन्हें भी देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. 

पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों पर तीखी टिप्पणी

चौधरी से जब पाकिस्तान और बांग्लादेश के बढ़ते संबंधों पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “यह तथाकथित ‘स्वतंत्र लोकतंत्र’ और ‘मानवाधिकार बेचने वाला’ यूनुस, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी पर चुप है. उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने बंदी बना रखा है. न ही वह बलूचिस्तान की स्थिति पर कुछ बोलते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “वे इन मुद्दों पर कुछ नहीं बोलना चाहते, क्योंकि उनका असली मकसद पाकिस्तान के उग्रवादी तबकों आईएसआई, सेना और पंजाबी एलीट के साथ नजदीकियां बढ़ाना है. जो लोग पिछले 75 सालों से पाकिस्तान को शोषित कर रहे हैं. यह किसी सिद्धांत या मूल्य की बात नहीं है, यह तो सिर्फ बांग्लादेश को आईएसआई का गुलाम राज्य बनाने की साजिश है.”

अतीत की घटनाओं का किया जिक्र

चौधरी ने याद दिलाया कि जब अवामी लीग ने युद्ध अपराधों और नरसंहार के दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की थी, तो पाकिस्तान ने इसका कड़ा विरोध किया और देश के भीतर आईएसआई से जुड़ी गतिविधियां शुरू कर दीं. उन्होंने कहा, “जब तक खालिदा जिया की बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी 2001 से 2006 तक सत्ता में थीं, तब उन्होंने बांग्लादेश को भारत में हथियारों और आतंकवाद को भेजने के लिए एक ट्रांजिट पॉइंट के रूप में इस्तेमाल किया था.” चौधरी ने चेतावनी दी कि आज वही स्थिति फिर से दोहराई जा रही है.

पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों की बहाली की कोशिश

हाल के महीनों में पाकिस्तान ने ढाका में अपनी कूटनीतिक गतिविधियां तेज कर दी हैं और बांग्लादेश के साथ संबंध बहाल करने की कोशिश की है, खासतौर पर सत्ता परिवर्तन के बाद. इस्लामाबाद अपने पुराने प्रभाव को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहा है. 1971 में पाकिस्तान के सैन्य अत्याचार से त्रस्त आकर बांग्लादेश ने संघर्ष का रास्ता चुना और अपनी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी. हालांकि अब बांग्लादेश उन हत्याओं और अपनी स्त्रियों के साथ हुए बलात्कार को भूल चुका है. वह फिर से पाकिस्तान के साथ अपने संबंध की पींगे बढ़ा रहा है. 

कई वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी बांग्लादेश का दौरा कर चुके हैं, इनमें पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार शामिल हैं. डार ने अगस्त में मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी. इसके अलावा, पाकिस्तानी सेना के कई बड़े अधिकारी भी बांग्लादेश का दौरा कर चुके हैं. ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ्स के अध्यक्ष साहिर शमशाद मिर्जा ने हाल ही में मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान यूनुस ने एक किताब मिर्जा को भेंट की थी, जिसमें भारत के नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र को बांग्लादेश का हिस्सा दर्शाया गया था. इसके बाद नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ जैसे सैन्य अधिकारी भी बांग्लादेश गए हैं.

“बांग्लादेश पाकिस्तान का स्वागत करने वाला देश नहीं”

बांग्लादेश ऐसा देश नहीं है जहां पाकिस्तान को खुले दिल से स्वागत मिले. यहां लोगों में पाकिस्तान के लिए कोई खास हमदर्दी नहीं है. फिर भी, अचानक सैन्य सहयोग बढ़ना चिंता का विषय है. चौधरी ने बातचीत के दौरान आगे कहा, “हम जानते हैं कि पाकिस्तान की सेना वास्तव में क्या है — वह तो सिर्फ आईएसआई का फ्रंट (मुखौटा) है. ज्यादातर पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी आईएसआई में काम करते हैं, जो उनकी मुख्य खुफिया एजेंसी है और विदेशों में आतंकवाद फैलाने के लिए जिम्मेदार है.”

आईएसआई को बांग्लादेश में ऑफिस खोलने की अनुमति दी जा रही है”

चौधरी ने कहा, “अब आईएस आई जैसी संस्था को बांग्लादेश में अपने ‘डेस्क’ (कार्यालय) खोलने की अनुमति दी जा रही है. हमारी सरकार के समय पाकिस्तान के आईएसआई अधिकारी बांग्लादेश नहीं भेजे जाते थे, क्योंकि उनका भंडाफोड़ हो जाता. लेकिन अब उन्हें खुली छूट दी जा रही है. आखिर क्यों? इसका सिर्फ एक ही उद्देश्य है, बांग्लादेश को आईएसआई का गुलाम राज्य बनाना.”

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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