Pakistan Army VS Balochistan Rebels: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. अलगाववादी संगठनों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. हालात पर काबू पाने में नाकाम रही पाकिस्तानी सेना ने अब टैंक उतारकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है. लेकिन इस कदम ने स्थानीय नागरिकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की चिंता और गहरी कर दी है. उनका कहना है कि यह कार्रवाई निर्दोषों के खिलाफ हिंसा की नई शुरुआत साबित हो सकती है.
फ्री बलूच मूवमेंट का आरोप
स्वायत्त बलूचिस्तान की मांग कर रहे संगठन फ्री बलूच मूवमेंट के नेता मीर यार बलूच ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना बलूच जनता को डराने के लिए शहरों और गांवों में टैंक भेज रही है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा इस वीडियो में टैंकों को सड़कों पर चलते देखा जा सकता है. मीर के अनुसार, यह कदम सेना की हताशा को दिखाता है, क्योंकि वह बलूचों की आवाज दबाने में बार-बार नाकाम रही है.
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नागरिकों पर दमन का आरोप
मीर यार बलूच ने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ग्रामीण इलाकों में निहत्थे लोगों को निशाना बना रही है. उन्होंने कहा कि गांवों में टैंक तैनात किए जा रहे हैं और हवाई हमले भी किए जा रहे हैं. उनके मुताबिक, सेना अपहरण और दमन की नीति अपना रही है ताकि बलूच जनता के भीतर डर पैदा हो सके और उनकी प्रतिरोध क्षमता खत्म की जा सके. हालांकि उन्होंने साफ कहा कि बलूच समाज किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेगा.
बलूचों का संकल्प बरकरार
मीर ने आगे लिखा कि लाख कोशिशों के बावजूद पाकिस्तानी सरकार और सेना बलूचों की इच्छाशक्ति को तोड़ने में सफल नहीं हो पाएगी. उन्होंने कहा कि बलूचों की मातृभूमि के लिए उनका साहस, एकता और प्यार पहले से कहीं अधिक मजबूत है. बलूच लड़ाके अपनी जमीन की रक्षा के लिए तैयार हैं और पाकिस्तानी दमन से डरने वाले नहीं हैं.
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सेना पर लगातार हमले
उधर, बलूच विद्रोही गुटों के हमले भी लगातार बढ़ रहे हैं. केच जिले के मांड इलाके में शुक्रवार को फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) के दो जवान मारे गए. बताया गया कि गश्त के दौरान हथियारबंद हमलावरों ने अचानक उन पर गोलीबारी कर दी. घटना के बाद हमलावर जवानों के हथियार भी लूटकर फरार हो गए.
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बढ़ते हमलों की जिम्मेदारी
पिछले तीन दिनों के दौरान बलूच सशस्त्र समूहों ने कई हमलों की जिम्मेदारी ली है. बुधवार से शुक्रवार तक पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और सरकारी परियोजनाओं को बार-बार निशाना बनाया गया. इन हमलों से साफ है कि बलूचिस्तान में हालात और अधिक गंभीर हो सकते हैं.
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