Who is Anutin Charnvirakul: थाईलैंड में अनुतिन चार्नवीराकुल संसद में बहुमत पाकर प्रधानमंत्री चुने गए. फेउ थाई पार्टी को करारी हार झेलनी पड़ी, जबकि अनुतिन को पीपुल्स पार्टी का सशर्त समर्थन मिला. अब वे अल्पमत सरकार का नेतृत्व करेंगे, जिसे कमजोर अर्थव्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरता की चुनौती है. थाईलैंड की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर हुआ है. अनुतिन चार्नवीराकुल को शुक्रवार को देश की संसद में हुए मतदान के जरिए प्रधानमंत्री चुना गया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, चार्नवीराकुल ने निचले सदन में आधे से ज्यादा वोट हासिल कर सहजता से बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया.
अभी जारी मतदान के दौरान, एएफपी की गिनती के अनुसार, अनुतिन को 247 से अधिक सांसदों का समर्थन मिल चुका था. निचले सदन की कुल 492 सीटों में से यह बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त रहा. उनके प्रतिद्वंद्वी और फेउ थाई पार्टी के नेता चैकासेम नितिसिरी की हार सत्तारूढ़ दल के लिए करारी शिकस्त साबित हुई. यह वही पार्टी है जिसे कभी अरबपति और पूर्व प्रधानमंत्री थक्सिन शिनावात्रा का अजेय राजनीतिक गढ़ माना जाता था. थक्सिन हाल ही में दुबई रवाना हो गए, जहां उन्होंने अपने 15 साल के आत्म-निर्वासन का अधिकांश समय बिताया था.
फेउ थाई की मुश्किलें (Who is Anutin Charnvirakul)
फेउ थाई पार्टी का संकट जून में तब गहराया, जब अनुतिन ने गठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया. इसके बाद सरकार बेहद कम बहुमत पर टिकी रही और लगातार विरोध प्रदर्शनों व घटती लोकप्रियता से जूझती रही. हाल ही में संवैधानिक अदालत ने थक्सिन की बेटी और राजनीतिक उत्तराधिकारी पायतोंगटार्न शिनावात्रा को पद से हटा दिया. यह शिनावात्रा परिवार का छठा ऐसा प्रधानमंत्री था जिसे सेना या न्यायपालिका द्वारा अपदस्थ किया गया.
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कौन हैं अनुतिन चार्नवीराकुल? (Anutin Charnvirakul New Prime Minister of Thailand)
अनुतिन चार्नवीराकुल थाई राजनीति के एक अनुभवी नेता हैं. वे लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता के दौर में अपनी भूमजैथाई पार्टी को सत्ता के दो धड़ों के बीच संतुलन बनाते हुए लगातार गठबंधन सरकारों का हिस्सा बनाते रहे हैं. 58 वर्षीय अनुतिन कभी अपने परिवार की निर्माण कंपनी का संचालन करते थे. वे उप प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान उन्हें देश का “कोविड ज़ार” माना गया. हालांकि उस समय पश्चिमी देशों के पर्यटकों को वायरस फैलाने का आरोप लगाने के कारण उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा और बाद में माफी मांगनी पड़ी. रूढ़िवादी विचारधारा और राजशाही समर्थक होने के बावजूद, अनुतिन ने थाईलैंड में गांजा वैध करने की ऐतिहासिक मुहिम चलाई, जिसके बाद हजारों कैनाबिस दुकानों का तेजी से विस्तार हुआ.
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सत्ता की शर्तें और चुनौतियां
अनुतिन को सबसे बड़ा समर्थन 143 सीटों वाली पीपुल्स पार्टी से मिला. हालांकि, यह समर्थन इस शर्त पर मिला है कि चार महीने के भीतर संसद भंग कर नए चुनाव कराए जाएंगे. खास बात यह है कि पीपुल्स पार्टी उनकी सरकार में शामिल नहीं होगी, जिसके चलते अनुतिन को अल्पमत सरकार का नेतृत्व करना होगा. नई सरकार को आर्थिक मोर्चे पर गंभीर चुनौतियों का सामना करना है. कमजोर घरेलू खपत, सख्त कर्ज व्यवस्था और तेजी से बढ़ते घरेलू ऋण ने थाईलैंड की अर्थव्यवस्था को जकड़ रखा है. ऐसे में अनुतिन चार्नवीराकुल के सामने जनता का भरोसा जीतना और राजनीतिक स्थिरता कायम करना सबसे बड़ी परीक्षा होगी.
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