Massive Explosion Fire At Chevron El Segundo Refinery: कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स में गुरुवार की रात अचानक आसमान लाल हो उठा. वजह थी चेवरॉन की एल सेगुंडो रिफाइनरी, जहां जबरदस्त धमाके के बाद भीषण आग लग गई. यह रिफाइनरी अमेरिका की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरियों में से एक मानी जाती है. अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रिफाइनरी परिसर में तेज धमाके की आवाज आई और कुछ ही देर में चारों ओर आग की लपटें फैल गईं.
धमाके की सूचना मिलते ही इमरजेंसी सर्विस की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची. आग इतनी बड़ी थी कि आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई. हालांकि राहत की बात यह रही कि अब तक किसी के घायल होने या लोगों को निकालने की कोई खबर नहीं मिली है. फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर तैनात हैं और आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी हैं.
Massive Explosion Fire At Chevron El Segundo Refinery: वीडियो में दिखीं डरावनी लपटें
सोशल मीडिया पर आग की कई वीडियो क्लिप्स वायरल हो गई हैं. इन वीडियो में नारंगी रंग की तेज लपटें रात के आसमान को चीरती हुई ऊपर उठती दिख रही हैं. रिफाइनरी से घना धुआं उठ रहा है और पूरा इलाका धुएं की परत से ढक गया है. लोगों के मुताबिक, धमाके की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी और कुछ देर के लिए पूरे इलाके में बिजली जैसी चमक दिखी.
🚨🇺🇸 MASSIVE EXPLOSION ROCKS CHEVRON REFINERY IN LOS ANGELES, LARGEST ON WEST COAST
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) October 3, 2025
A major fire erupted at the Chevron El Segundo refinery around 9:30pm, lighting up the night sky with a towering fireball and sending thick smoke billowing across Los Angeles.
"I thought we got… https://t.co/x9Bdhza7NT pic.twitter.com/eLIeRgRCTD
चेवरॉन की ओर से इस घटना पर अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. फिलहाल आग लगने की वजह या धमाके के कारणों का पता नहीं चल सका है. अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और जांच शुरू कर दी गई है. आग के बाद रिफाइनरी परिसर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. राहत दल लगातार आग बुझाने में जुटे हैं. प्रशासन ने आसपास के लोगों से शांत रहने और अफवाहों से बचने की अपील की है.
अमेरिका में पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
मोरो-शेपर्ड के मुताबिक, अमेरिका ने कई बार अपनी रिफाइनरियों को जलते हुए देखा है. लेकिन 16 अप्रैल 1947 का दिन उस इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया. टेक्सास सिटी के बंदरगाह पर फ्रांसीसी झंडे वाला जहाज SS ग्रैंडकैम्प खड़ा था, इसमें गोला-बारूद और अमोनियम नाइट्रेट उर्वरक लदा था. थोड़ी-सी चिंगारी लगी और फिर जो हुआ, उसने शहर का नक्शा बदल दिया.
जहाज में लगी आग धीरे-धीरे बंदरगाह के दूसरे जहाजों तक पहुंची और अंत में अमोनियम नाइट्रेट के भंडार ने विस्फोट कर दिया. धमाका इतना जबरदस्त था कि इसकी आवाज 150 मील दूर तक सुनाई दी. सैकड़ों लोग मारे गए, हजारों घायल हुए, और शहर की इमारतें राख में बदल गईं. इसे अब तक का अमेरिका के इतिहास का सबसे घातक रिफाइनरी हादसा माना जाता है.
लेकिन यह आखिरी बार नहीं था जब टेक्सास सिटी ने आग का कहर झेला. करीब 58 साल बाद, 23 मार्च 2005 को BP टेक्सास सिटी रिफाइनरी में फिर से धमाके हुए. इस बार आग हाइड्रोकार्बन आइसोमेराइजेशन यूनिट को रीस्टार्ट करने के दौरान लगी. नतीजा यह हुआ कि 15 कर्मचारियों की मौत और 180 घायल. ऐसी और भी कई घटना है रिफाइनरी को लेकर जो अमेरिका के इतिहास में हुआ है उसके बाद भी ऐसी घटना कहीं न कहीं लापरवाही या इस तरह की घटनाओं से अभी भी सतर्कता में ढ़ीला मालूम पड़ता है.
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