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इजराइल ने स्कूलों में मोबाइल किया बैन, डेनमार्क से ऑस्ट्रेलिया तक लगे कड़े नियम, जानें किस देश में क्या नियम

Israel Mobile Ban in School: इजराइल में स्कूलों में मोबाइल बैन से लेकर ऑस्ट्रेलिया के 16 साल से कम बच्चों के सोशल मीडिया प्रतिबंध तक, दुनिया भर में बच्चे की डिजिटल सुरक्षा पर बड़े बदलाव हो रहे हैं. जानें किन देशों ने क्या नियम लागू किए और क्यों सरकारें बच्चों को फोन और सोशल मीडिया से दूर रखना चाहती हैं.

Israel Mobile Ban in School: आजकल बच्चे स्कूल में हो या घर पर, मोबाइल और सोशल मीडिया में ज्यादा समय बिताने लगे हैं. इससे पढ़ाई पर असर होता है, नींद खराब होती है और कई बार गलत कंटेंट भी सामने आता है. यही वजह है कि दुनिया के कई देश अब बच्चों के लिए मोबाइल और सोशल मीडिया इस्तेमाल पर सख्त नियम ला रहे हैं. कोई फोन पर रोक लगा रहा है, कोई सोशल मीडिया की उम्र बढ़ा रहा है और कोई पूरी तरह बैन कर रहा है. इजराइल से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक, कई देश अब बच्चों को डिजिटल दुनिया के खतरे से बचाने की कोशिश में जुट गए हैं. इसी बदलते माहौल का पूरा हाल नीचे दिया गया है.

Israel Mobile Ban in School in Hindi: इजराइल में स्कूलों में मोबाइल पर पूरा रोक

इजराइल के शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर बताया कि फरवरी 2026 से प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के मोबाइल फोन का इस्तेमाल पूरी तरह बंद होगा. मंत्रालय ने कहा कि फोन का बच्चों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है, इसलिए यह कदम जरूरी है. शिक्षा मंत्री योआव किस ने कहा कि यह फैसला इजराइल और दुनिया के कई अध्ययनों के आधार पर लिया गया है ताकि बच्चों के लिए स्कूल का माहौल बेहतर और सुरक्षित बनाया जा सके. नई नीति के तहत बच्चे स्कूल परिसर में फोन इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, कक्षाओं में संतुलित फोन उपयोग पर पढ़ाई कराई जाएगी और माता-पिता के साथ बातचीत कर सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल और गलत कंटेंट से बचाने की कोशिश होगी.

अभी तक फोन बैन का फैसला स्कूल खुद लेते थे, लेकिन अब यह देशभर में लागू होगा. सितंबर से तेल अवीव के सभी स्कूलों में मोबाइल पहले से ही बंद है. UNESCO के अनुसार, 2024 के अंत तक दुनिया की 40% शिक्षा प्रणालियों में किसी न किसी रूप में स्कूलों में स्मार्टफोन पर रोक लगी थी, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 30% था. यानी दुनिया तेजी से फोन-फ्री स्कूलों की तरफ बढ़ रही है.

ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर सबसे बड़ा बैन

10 दिसंबर 2025 से ऑस्ट्रेलिया पहला देश बन गया है जिसने 16 साल से कम बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर सीधा बैन लगा दिया है. इस फैसले के तहत TikTok, YouTube, Instagram, Facebook जैसी सभी बड़ी ऐप्स बच्चों के लिए बंद होंगी. नवंबर 2024 में पारित कानून कहता है कि सोशल मीडिया कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि 16 साल से छोटे बच्चे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल न करें. अगर कंपनियां नियम नहीं मानती हैं तो उन पर 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (करीब 32.8 मिलियन USD) तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. यह दुनिया के सबसे कड़े तकनीकी नियमों में से एक माना जा रहा है. (Australia Bans Social Media For Children under 16 in Hindi)

दुनिया के बाकी देश क्या कर रहे हैं?

ब्रिटेन का Online Safety Act सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सख्त मानक लागू करता है और बच्चों को हानिकारक कंटेंट से बचाने पर जोर देता है. हालांकि सोशल मीडिया इस्तेमाल की न्यूनतम उम्र तय नहीं की गई है. चीन में “माइनर मोड” पहले से चलता है. इसमें बच्चों के लिए उम्र के हिसाब से स्क्रीन टाइम लिमिट लगाई जाती है और फोन व ऐप दोनों पर कंट्रोल होता है. डेनमार्क ने नवंबर में घोषणा की कि 15 साल से कम बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन होगा. लेकिन 13-15 साल के बच्चों के लिए माता-पिता की इजाजत पर छूट मिलेगी.

फ्रांस ने 2023 में कानून बनाया कि 15 साल से कम उम्र में सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की अनुमति जरूरी होगी. लेकिन स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इस कानून को लागू करने में अभी तकनीकी दिक्कतें हैं. जर्मनी में 13-16 साल के बच्चे माता-पिता की अनुमति से सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि नियंत्रण अभी भी कमजोर हैं. इटली में 14 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर आने के लिए माता-पिता की मंजूरी चाहिए, लेकिन 14 साल से ऊपर खुद अकाउंट बना सकते हैं.

मलेशिया ने नवंबर में कहा कि 2026 से 16 साल से कम बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर बैन लगाया जाएगा. नॉर्वे ने प्रस्ताव रखा है कि सोशल मीडिया पर सहमति की उम्र 13 से बढ़ाकर 15 साल की जाए. सरकार एक कड़े 15 साल की न्यूनतम उम्र वाले कानून पर भी काम कर रही है. अमेरिका में COPPA कानून कंपनियों को 13 साल से कम उम्र के बच्चों का डाटा माता-पिता की अनुमति बिना इकट्ठा करने से रोकता है. कई राज्यों ने सोशल मीडिया पर माता-पिता की सहमति वाले नियम भी बनाए हैं, लेकिन ये नियम कोर्ट में चुनौती झेल रहे हैं.

यूरोपीय यूनियन: दोहरी उम्र सीमा का प्रस्ताव

यूरोपियन पार्लियामेंट ने नवंबर में एक प्रस्ताव पास किया, जिसमें कहा गया कि सोशल मीडिया की न्यूनतम उम्र 16 साल होनी चाहिए. साथ ही पूरे EU में 13 साल की समान डिजिटल उम्र तय करने की भी सिफारिश की गई है. यह नियम वीडियो शेयरिंग ऐप्स और AI companions पर भी लागू होगा. हालांकि यह प्रस्ताव अभी कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है. TikTok, Instagram, Facebook और Snapchat जैसी कंपनियां कहती हैं कि उनके प्लेटफॉर्म पर 13 साल से कम उम्र के बच्चों को अकाउंट बनाने की अनुमति नहीं है. लेकिन यूरोपीय देशों के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि बड़ी संख्या में 13 से कम उम्र के बच्चों के पास सोशल मीडिया अकाउंट मौजूद हैं. यानी कंपनियों की उम्र जांच प्रणाली अभी भी कमजोर दिखाई देती है.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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