Iran Seizes Oil Tanker: मध्य पूर्व के समुद्र एक बार फिर तनाव की खबरों से भरे हैं. गल्फ ऑफ ओमान में ईरान ने एक तेल टैंकर को पकड़ लिया है. इस घटना ने सिर्फ क्षेत्रीय राजनीति ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के तेल कारोबार और समुद्री सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. जहाज पर सवार क्रू मेंबर्स अलग-अलग देशों से थे और मामला सीधे अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है. न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार, ईरान ने जिस टैंकर को जब्त किया है, उसमें करीब 60 लाख लीटर डीजल भरा हुआ था. जहाज पर कुल 18 क्रू मेंबर मौजूद थे. इनमें भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के नागरिक शामिल बताए गए हैं. ईरान का कहना है कि यह ईंधन अवैध तरीके से ले जाया जा रहा था. ईरान की फार्स न्यूज एजेंसी ने दक्षिणी हॉर्मुजगान प्रांत के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि यह टैंकर चलते वक्त अपने सभी नेविगेशन सिस्टम बंद किए हुए था. अधिकारियों के अनुसार, यही वजह थी कि जहाज पर शक हुआ और उसे रोककर जांच के बाद कब्जे में ले लिया गया.
Iran Seizes Oil Tanker in Hindi: ईरान ने अपने नए इलेक्ट्रॉनिक वॉर सिस्टम Sayad-4 को किया पेश
इस घटनाक्रम के बीच ईरान ने अपने नए इलेक्ट्रॉनिक वॉर सिस्टम Sayad-4 को भी पेश किया है. यह घोषणा ऐसे समय पर हुई है जब जून महीने में ईरान को इजराइल और अमेरिका की ओर से कड़ी सैन्य कार्रवाई झेलनी पड़ी थी. माना जा रहा है कि यह कदम ईरान की सैन्य तैयारी और संदेश देने की रणनीति का हिस्सा है. ईरान बार-बार यह दावा करता रहा है कि वह ऐसे जहाजों को पकड़ता है जो अवैध रूप से ईंधन की तस्करी कर रहे होते हैं. दरअसल, ईरान में ईंधन की कीमतें दुनिया में सबसे कम हैं, इसलिए इसकी तस्करी से भारी मुनाफा कमाया जाता है. पिछले महीने भी ईरानी अधिकारियों ने एक और टैंकर जब्त किया था. तब कहा गया था कि जहाज बिना अनुमति के ईंधन ले जा रहा था. ईरान ने उस समय भी साफ किया था कि यह किसी देश के खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं है. (Iran Seizes Oil Tanker Gulf Of Oman in Hindi)
समुद्र में ईरान का पुराना रिकॉर्ड
ईरान का इतिहास देखें तो वह पहले भी कई बार व्यापारिक जहाजों को निशाना बना चुका है. नवंबर में ईरान ने मार्शल आइलैंड्स के झंडे वाले टैंकर ‘तालारा’ को स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज में पकड़ा था. आरोप था कि जहाज सिंगापुर जा रहा था और उस पर अवैध पेट्रोकेमिकल माल लदा था. 2019 में कई जहाजों पर माइन जैसे विस्फोटक लगाए गए. 2021 में ड्रोन हमले में दो क्रू मेंबर्स की मौत हुई. 2022 और 2024 में ग्रीस और पुर्तगाल के झंडे वाले टैंकर भी जब्त किए गए. इन सभी मामलों में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की भूमिका सामने आई और कहा गया कि ये कदम देश के हितों की रक्षा के लिए उठाए गए.
अमेरिका की कार्रवाई
ईरान की इस कार्रवाई से दो दिन पहले अमेरिका ने भी एक बड़ा कदम उठाया था. वेनेज़ुएला के तट के पास अमेरिका ने एक टैंकर पर कब्जा किया. वॉशिंगटन के अनुसार, यह जहाज वेनेज़ुएला और ईरान का तेल ले जा रहा था और एक ऐसे नेटवर्क का हिस्सा था जो हिज्बुल्लाह और IRGC को मदद पहुंचाता है. इस ऑपरेशन को US कोस्ट गार्ड ने हेलिकॉप्टर से जहाज पर उतरकर अंजाम दिया. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, जब्त किया गया टैंकर टेक्सास के गैल्वेस्टन बंदरगाह पर लाया जाएगा और वहां पहुंचने के बाद क्रू मेंबर्स को छोड़ दिया जाएगा. वहीं, वेनेज़ुएला सरकार ने इस कार्रवाई को खुली चोरी और समुद्री डकैती बताया. राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने कहा कि यह मुक्त व्यापार पर सीधा हमला है. बताया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन वेनेज़ुएला पर लगातार दबाव बढ़ा रहा है, जिसमें प्रतिबंध और नौसेना की तैनाती शामिल है.
हॉर्मुज और ओमान की खाड़ी क्यों अहम हैं
गल्फ ऑफ ओमान और स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज दुनिया के सबसे अहम समुद्री रास्तों में गिने जाते हैं. अनुमान है कि दुनिया के करीब 20 फीसदी तेल का कारोबार इन्हीं रास्तों से होकर गुजरता है. इसी वजह से यहां होने वाली हर घटना का असर सीधे तेल की कीमतों और वैश्विक राजनीति पर पड़ता है. एक तरफ ईरान इन समुद्री रास्तों पर अपना असर बनाए रखना चाहता है, तो दूसरी ओर अमेरिकी नौसेना का 5वां बेड़ा, जो बहरीन में तैनात है, व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा के नाम पर मौजूद रहता है. ताजा टैंकर जब्ती साफ दिखाती है कि तेल, ताकत और नियंत्रण की यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, और इसका खतरा सबसे ज्यादा उन लोगों को उठाना पड़ता है जो रोजी-रोटी के लिए इन समुद्रों में सफर करते हैं.
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