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15 अगस्त को भारत के अलावा ये 5 देश भी मनाते हैं आजादी, एक देश में आज भी है तानाशाही

Independence day 2025: दुनिया के अन्य देश भी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं. जानिए उन देशों की खास बातें और इतिहास जिन्हें भारत के साथ ही स्वतंत्रता मिली और वे आजादी का जश्न मनाते हैं.

Independence day 2025: हर साल 15 अगस्त को भारत अपने स्वतंत्रता दिवस का जश्न बड़े गर्व और उत्साह के साथ मनाता है. यह दिन देशवासियों के लिए आजादी की अमूल्य सौगात और संघर्ष की याद दिलाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कुछ और देश भी इसी दिन अपनी स्वतंत्रता का उत्सव मनाते हैं? ये देश अलग-अलग समय पर, अलग-अलग इतिहास के साथ इस दिन आजादी के महत्व को सेलिब्रेट करते हैं. आइए जानते हैं उन देशों के बारे में, जिन्होंने 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के रूप में चुना है और कैसे वे इस दिन को यादगार बनाते हैं.

Independence day 2025: भारत का स्वतंत्रता दिवस, ब्रिटिश राज से मुक्ति की गाथा

15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से मुक्ति पाई. विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन अपनी उपनिवेशवादी शक्तियों को बनाए रखने में असमर्थ रहा, जिसके कारण कई देशों ने आजादी हासिल की. भारत की आजादी संघर्ष, बलिदान और अहिंसा की मिसाल है, जिसे हर साल 15 अगस्त को पूरे देश में बड़े उत्साह से मनाया जाता है.

Independence day 2025 in Hindi: दक्षिण कोरिया, ‘प्रकाश की वापसी’ का प्रतीक

दक्षिण कोरिया में 15 अगस्त को राष्ट्रीय मुक्ति दिवस यानी ‘ग्वांगबोकजोल’ के रूप में मनाया जाता है. जापान के 35 वर्षों के कब्जे से मुक्ति पाने के बाद यह दिन कोरिया के लिए नई रोशनी की शुरुआत है. यहां स्वतंत्रता के बजाय ‘पुनर्स्थापना’ शब्द का प्रयोग किया जाता है, जो दर्शाता है कि कोरिया कभी स्वतंत्र था.

उत्तर कोरिया, ‘पितृभूमि की मुक्ति’ का उत्सव

उत्तर कोरिया में 15 अगस्त को ‘चोगुकहेबांगुई नाल’ यानी ‘पितृभूमि की मुक्ति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. दक्षिण और उत्तर कोरिया दोनों इस दिन को सार्वजनिक अवकाश के रूप में रखते हैं और विशेष अवसरों पर किम इल सुंग स्क्वायर में सैन्य परेड आयोजित की जाती है.

उत्तर कोरिया एक कड़ा तानाशाही देश है यहां सत्ता का पूरा नियंत्रण किम परिवार के हाथ में है. देश में नागरिकों की आजादी बेहद सीमित है और सरकार का सख्त नियंत्रण हर क्षेत्र में बना रहता है. स्वतंत्र मीडिया, राजनीतिक विरोध और अभिव्यक्ति की आजादी लगभग न के बराबर है. मानवाधिकार उल्लंघनों की रिपोर्ट्स भी नियमित मिलती हैं. 15 अगस्त के ‘पितृभूमि की मुक्ति दिवस’ के अवसर पर भी यहां सरकार की सख्ती और नियंत्रण बरकरार रहता है, जिससे देश की राजनीति और समाज पर तानाशाही का गहरा प्रभाव दिखता है.

बहरीन, ब्रिटिश शासन से आजादी के बाद का जश्न

बहरीन ने 15 अगस्त 1971 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता हासिल की थी, लेकिन राष्ट्रीय दिवस 16 दिसंबर को मनाया जाता है. यह दिन पूर्व अमीर ईसा बिन सलमान अल खलीफा के सिंहासनारोहण का दिन भी है. पूरे देश में सांस्कृतिक कार्यक्रम और परेड आयोजित किए जाते हैं.

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कांगो-ब्राजाविल, फ्रांसीसी शासन से मुक्ति

कांगो गणराज्य ने 15 अगस्त 1960 को फ्रांसीसी उपनिवेशवाद से स्वतंत्रता पाई. इसे पूर्व में फ्रेंच कांगो कहा जाता था. इस दिन देश में कई औपचारिक समारोह आयोजित होते हैं, जो स्वतंत्रता की खुशी में शामिल होते हैं.

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लिकटेंस्टीन, जर्मन शासन से पहले मुक्ति

यूरोप का यह छोटा देश 15 अगस्त 1866 को जर्मन शासन से मुक्त हुआ. यह दिन लिकटेंस्टीन के वर्तमान राजकुमार का जन्मदिन भी है, जिसे बड़े उत्साह से मनाया जाता है. लिकटेंस्टीन एक अर्ध-संवैधानिक राजतंत्र है, जो अपनी परंपराओं के लिए जाना जाता है.

Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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