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रूस को जवाब देने इस यूरोपीय देश में कूदा ब्रिटेन, तैनात की सेना और सैन्य उपकरण, जर्मनी ने भी सहायता की भरी हामी

Britain Troops and Military equipments in Belgium: यूके की सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख जनरल रिचर्ड नाइटन के अनुसार उनके बेल्जियम समकक्ष ने इस सप्ताह की शुरुआत में सहायता मांगी थी. इसलिए अब ब्रिटेन उपकरण और अपे सैन्य कर्मियों को भेजा जा रहा है.

Britain Troops and Military equipments in Belgium: रूस और यूक्रेन युद्ध पिछले 3.5 सालों से ज्यादा समय से जारी है. इतने लंबे समय से चल रही इस लड़ाई की वजह से यूरोप के अन्य देशों में भी अब मुश्किलें बढ़ रही हैं. बीते कुछ समय से यूरोप के कई देशों में कथित तौर पर ड्रोन देखे गए हैं. पोलैंड से शुरू हुआ सिलसिला, जर्मनी होते हुए ब्रसेल्स तक पहुंच गया है. पोलैंड और जर्मनी बेल्जियम से तुलनात्मक रूप से सैन्य रूप से मजबूत हैं. ऐसे में अब ब्रिटेन ने बेल्जियम को ड्रोन घुसपैठ का मुकाबला करने में मदद के लिए सैन्य समर्थन प्रदान किया है. ब्रिटेन ने बेल्जियम के वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए अपने सैन्य कर्मियों और उपकरणों को भेजा है. वहीं जर्मनी ने भी बेल्जियम को समर्थन देने का वादा किया है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार यूके की सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख जनरल रिचर्ड नाइटन के अनुसार उनके बेल्जियम समकक्ष ने इस सप्ताह की शुरुआत में सहायता मांगी थी. इसलिए अब ब्रिटेन उपकरण और अपे सैन्य कर्मियों को भेजा जा रहा है. यूके मीडिया के अनुसार, रॉयल एयर फोर्स (RAF) की 2 फोर्स प्रोटेक्शन विंग के सदस्य तैनात किए जा सकते हैं. पिछले हफ्ते गुरुवार रात, बेल्जियम के मुख्य हवाई अड्डे जावेंटेम में कई ड्रोन दिखने के बाद अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा. इसी तरह की गतिविधि एक सैन्य अड्डे और अन्य संवेदनशील स्थानों के पास भी देखी गई. अधिकारियों को संदेह है कि रूस द्वारा संचालित की जा रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, नाइटन ने कहा कि यह पुष्टि नहीं हुई है कि ड्रोन रूस से आए थे या नहीं, लेकिन उन्होंने इसे संभावित बताया.

एयरपोर्ट बंद करने से हुआ नुकसान

ब्रसेल्स एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद करने की वजह से करीब 3,000 ब्रसेल्स एयरलाइंस यात्रियों पर असर पड़ा. एयरलाइन ने कहा कि उसे दर्जनों उड़ानों को रद्द या डायवर्ट करने से काफी नुकसान हुआ है. इसी तरह की ड्रोन घुसपैठ की घटनाएं कई नाटो देशों में भी रिपोर्ट की गई हैं. हालांकि, रूस ने बार-बार इस बात से इनकार किया है कि वह यूक्रेन के सहयोगी देशों के खिलाफ हाइब्रिड वॉरफेयर चला रहा है.

यूरोप के लिए खतरा बना रूस- नाइटन

रिचर्ड नाइटन ने चेतावनी दी कि रूस अब भी यूरोप की सुरक्षा के लिए सबसे तात्कालिक खतरा बना हुआ है. उन्होंने क्रेमलिन की हाइब्रिड रणनीतियों का हवाला दिया, जिनमें साइबर हमले, तोड़फोड़ और हत्याएं शामिल हैं. उन्होंने कहा, “यूक्रेन पर अवैध आक्रमण ने रूस के युद्ध के बर्बर चरित्र को उजागर किया है. मॉस्को पहले ही ब्रिटेन की धरती पर तोड़फोड़ और हत्याएं कर चुका है. हमें हाइब्रिड वॉरफेयर के क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को मजबूत करना होगा.”

ड्रोन रूस के ही थे, इसकी पुष्टि नहीं

ब्रिटेन की ओर से बेल्जियम को सहायता की पुष्टि करते हुए नाइटन ने कहा कि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि देखे गए ड्रोन वाकई रूस के थे, लेकिन यह संभावित है कि उन्हें मॉस्को के आदेश पर भेजा गया हो. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन अपने उपकरण और क्षमताएं प्रदान करके बेल्जियम की मदद करेगा. वहीं जर्मन रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह बेल्जियम के अनुरोध के बाद उसकी एंटी-ड्रोन उपायों के साथ सहायता करेगा. जबकि बेल्जियम की रक्षा मंत्री फ्रैंकेन ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि पहले इस तरह की घटनाओं के प्रमाण नहीं थे. उन्होंने कहा, “शुरुआत में, हमारे सैन्य ठिकानों के ऊपर उड़ने वाले ड्रोन को केवल हमारी समस्या माना जाता था. अब यह एक गंभीर खतरा बन गया है, जो कई यूरोपीय देशों के नागरिक ढांचे को प्रभावित कर रहा है.” 

ब्रिटेन बढ़ाएगा सैन्य खर्च

इस साल की शुरुआत में ब्रिटेन ने घोषणा की थी कि वह अप्रैल 2027 तक रक्षा व्यय को GDP के 2.5% तक बढ़ाएगा और अगले संसदीय कार्यकाल में इसे 3% तक ले जाने का लक्ष्य रखेगा. रिचर्ड नाइटन ने इसे “अपने करियर में सबसे बड़ा कदम” बताया. इसी के साथ ब्रिटेन ने नाटो में अपनी भूमिका और मजबूत की है. उसने रॉयल एयरफोर्स टाइफून जेट्स को पोलैंड भेजा है ताकि वे गठबंधन के पूर्वी मोर्चे की निगरानी में मदद कर सकें, खासकर जब पूर्वी यूरोप में रूसी वायु घुसपैठ की घटनाएं बढ़ रही हैं.

रूसी हाइब्रिड वॉरफेयर को लेकर बढ़ी यूरोप की चिंता

हाल के महीनों में स्वीडन, नॉर्वे और डेनमार्क सहित कई यूरोपीय देशों में ड्रोन देखे गए हैं, जिससे हवाई यातायात बाधित हुआ. मॉस्को ने इसमें किसी भी भूमिका से इनकार किया है, लेकिन यूरोपीय अधिकारियों को संदेह है कि यह एक सामंजस्यपूर्ण हाइब्रिड आक्रमण अभियान का हिस्सा है. हालांकि अभी तक कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है, लेकिन पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह रूस की ओर से यूरोप पर दबाव बढ़ाने की रणनीतिक प्रतिक्रिया का हिस्सा है, जो यूक्रेन को सैन्य और वित्तीय सहायता दे रहा है. हाल ही में यूरोपियन यूनियन ने रूस की फ्रीज की गई संपत्तियों का उपयोग करके यूक्रेन को 140 अरब यूरो का ऋण देने योजना पर बात की थी.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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