Benjamin Netanyahu Gaza Peace Deal Narendra Modi: इजरायल और हमास के बीच दो साल से जारी युद्ध अब शांति की ओर जाता दिख रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 सूत्रीय गाजा शांति योजना पर दोनों पक्षों की ओर से सहमति जताई गई है. इसे लेकर जहां इजरायल खुश है, तो दुनिया भर में शांति के पक्षधर देशों ने भी सकारात्मक रुख अपनाया है. इस शांति समझौते को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपनी कैबिनेट की अहम बैठक कर रहे थे, जिसमें वे युद्धविराम और हमास के कब्जे में फंसे बंधकों की रिहाई की बात कर रहे थे. लेकिन उन्होंने इसे बीच में ही छोड़ दिया. क्यों? क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आ गया. बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने अफसरों और मंत्रियों को थोड़ा समय देने के लिए कहा और उन्होंने पीएम मोदी से 10 मिनट तक बात की.
द टाइम्स ऑफ इजरायल की खबर के मुताबिक इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की. यह कॉल उस वक्त की गई जब नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20-सूत्रीय गाजा शांति योजना के तहत युद्धविराम और बंधक रिहाई समझौते पर चर्चा करने के लिए सुरक्षा कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू को सभी बंधकों की रिहाई के लिए हुए समझौते पर बधाई दी.”
पीएम मोदी ने इजरायल को बताया भारत का मित्र
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू हमेशा से भारत के घनिष्ठ मित्र रहे हैं और दोनों देशों के बीच यह मित्रता आने वाले समय में भी और मजबूत रहेगी. मोदी ने कहा कि भारत और इजरायल के रिश्ते आपसी विश्वास, सहयोग और समान मूल्यों पर आधारित हैं और यह संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं. वहीं, प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने मोदी का इजरायल के प्रति समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया. दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि भारत और इजरायल आगे भी करीबी साझेदारी और समन्वय के साथ विभिन्न मुद्दों पर साथ काम करते रहेंगे.
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया, “मेरे मित्र, प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन कर राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना के तहत हुई प्रगति पर बधाई दी. हम बंधकों की रिहाई और गाजा के लोगों के लिए मानवीय सहायता बढ़ाने के समझौते का स्वागत करते हैं. यह भी दोहराया कि आतंकवाद किसी भी रूप में या कहीं भी स्वीकार्य नहीं है.” भारतीय प्रधानमंत्री के इस एक्शन को लोगों ने भी सराहा. भारत अब पश्चिम एशिया में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है.
नेतन्याहू की कैबिनेट मीटिंग में क्या हुआ फैसला?
इस बीच इजरायली सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20-सूत्रीय गाजा शांति योजना के तहत युद्धविराम और बंधक रिहाई समझौते के पक्ष में मतदान किया है. नेतन्याहू ने पहले सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाई थी और बाद में मंत्रियों के साथ एक और बैठक की. जेरूसलम पोस्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार सुबह घोषणा की, “सरकार ने अब सभी बंधकों जीवित और मृत की रिहाई के लिए रूपरेखा को मंजूरी दे दी है.” शांति समझौते से संबंधित अधिकारियों के अनुसार युद्धविराम तुरंत प्रभाव से लागू होगा.
सोमवार तक सभी बंधकों की रिहाई संभव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि गाजा में हामास की कैद में रखे गए सभी बंधकों को सोमवार या मंगलवार तक रिहा कर दिया जाएगा. व्हाइट हाउस में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि बुधवार को बंधकों की रिहाई और गाजा के पुनर्निर्माण से जुड़ी प्रक्रिया के पहले चरण पर सहमति बन गई है. इस समझौते के तहत हमास 72 घंटे के संघर्षविराम के बाद बचे हुए 20 बंधकों को एक साथ मुक्त करेगा. ट्रंप ने इस मौके को खुशी का दिन बताया और उम्मीद जताई कि यह कदम क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित होगा. उन्होंने यह भी बताया कि वे मिस्र में होने वाले समझौते के औपचारिक हस्ताक्षर समारोह में शामिल होने की योजना बना रहे हैं.
दोनों पक्षों ने जताई समझौते पर सहमति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्य पूर्व विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और उनके दामाद जेरेड कुशनर भी यरूशलेम में हुई उस सरकारी बैठक में मौजूद थे, जिसमें इजरायली सरकार ने अमेरिकी मध्यस्थता वाले युद्धविराम समझौते पर मतदान किया. इसके साथ ही इजरायली सरकार ने युद्धविराम समझौते के “पहले चरण” को मंजूरी दी, जिसके तहत बंधकों की अदला-बदली और गाजा के कुछ हिस्सों से इजरायल की वापसी की उम्मीद की जा रही है. वहीं हमास के मुख्य वार्ताकार खलील अल-हय्या ने कहा कि अमेरिका की ओर से मिली गारंटी के मुताबिक युद्धविराम समझौते का पहला चरण इस बात का संकेत है कि “गाजा में युद्ध पूरी तरह समाप्त हो गया है.”
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