Bank Heist Germany: क्रिसमस की छुट्टियों में जब पूरा जर्मनी जश्न और आराम के मूड में था, उसी वक्त देश के एक शहर में ऐसी डकैती हुई जिसने सबको चौंका दिया. जर्मनी के पश्चिमी शहर गेल्सनकिर्चन में बदमाशों ने बैंक के अंदर घुसकर करोड़ों का माल साफ कर दिया. यह कोई आम चोरी नहीं थी, बल्कि पूरी प्लानिंग के साथ की गई, बिल्कुल किसी फिल्म की तरह. पुलिस और बैंक अधिकारियों ने इस मामले की जानकारी दी है. यह डकैती नॉर्थ राइन-वेस्टफालिया राज्य के शहर गेल्सनकिर्चन में स्थित स्पारकासे सेविंग्स बैंक (Sparkasse Bank) की एक शाखा में हुई. पुलिस और बैंक अधिकारियों के मुताबिक, बदमाशों ने बैंक के अंडरग्राउंड वॉल्ट को निशाना बनाया और वहां रखे सोने, गहनों और नकदी पर हाथ साफ कर दिया.
Bank Heist Germany in Hindi: कितना माल ले उड़े बदमाश
पुलिस के अनुसार, चोरी गए सामान की कुल कीमत करीब 30 मिलियन यूरो आंकी गई है. यह रकम भारतीय मुद्रा में करीब 314.4 करोड़ रुपये और अमेरिकी मुद्रा में करीब 35 मिलियन डॉलर होती है. यह हाल के वर्षों में जर्मनी की सबसे बड़ी बैंक चोरी मानी जा रही है. बैंक अधिकारियों ने जर्मन समाचार एजेंसियों को बताया कि इस शाखा में 3,250 ग्राहकों के लॉकर थे. इनमें से 95 फीसदी से ज्यादा लॉकर बदमाशों ने तोड़ दिए. यानी करीब 3,000 से अधिक लॉकर पूरी तरह खाली कर दिए गए. हर लॉकर में लोगों की जिंदगी भर की जमा पूंजी रखी हुई थी.
पार्किंग से वॉल्ट तक कैसे पहुंचे चोर
पुलिस ने बताया कि बदमाशों ने बैंक की पार्किंग से बड़े ड्रिल मशीन की मदद से रास्ता बनाया. इसी रास्ते से वे सीधे बैंक की तिजोरी वाले कमरे तक पहुंचे. इससे साफ है कि बदमाशों को बैंक की इमारत और उसकी सुरक्षा व्यवस्था की पहले से पूरी जानकारी थी. जर्मनी में पिछले हफ्ते गुरुवार और शुक्रवार को क्रिसमस की छुट्टियां थीं. जांच एजेंसियों को शक है कि बदमाशों ने इन छुट्टियों का पूरा फायदा उठाया. पुलिस का मानना है कि चोर कई दिन तक बैंक के अंदर ही रहे और आराम से एक-एक लॉकर तोड़ते रहे.
कैसे सामने आई चोरी की सच्चाई
इस पूरी घटना का खुलासा तब हुआ जब सोमवार तड़के बैंक में फायर अलार्म बजा. अलार्म बजने पर जब इमरजेंसी सेवाएं मौके पर पहुंचीं, तो उन्होंने बैंक की तिजोरी तक बना हुआ छेद देखा. इसके बाद पूरी चोरी का मामला सामने आया. पुलिस के मुताबिक, कुछ लोगों ने शनिवार और रविवार की रात के बीच पार्किंग की सीढ़ियों में कई लोगों को बड़े-बड़े बैग उठाते हुए देखा. इन गवाहियों ने पुलिस को जांच की एक अहम दिशा दी. बैंक और पुलिस द्वारा देखी गई सीसीटीवी फुटेज में एक काली Audi RS 6 कार दिखाई दी. यह कार सोमवार सुबह जल्दी पार्किंग गैराज से निकलती दिखी, जिसमें मास्क पहने लोग बैठे हुए थे. पुलिस ने बताया कि इस कार की नंबर प्लेट पहले ही हनोवर शहर से चोरी की गई थी.
पुलिस ने की फिल्मी डकैती से तुलना
पुलिस के एक प्रवक्ता ने एएफपी को बताया कि यह डकैती “बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से” की गई है. उन्होंने इसकी तुलना हॉलीवुड फिल्म ‘Ocean’s Eleven’ से की. प्रवक्ता ने कहा कि इतनी बड़ी चोरी को अंजाम देने के लिए या तो बहुत गहरी जानकारी थी या फिर बहुत बड़ी आपराधिक तैयारी. पुलिस ने बताया कि हर लॉकर की औसत बीमा कीमत 10,000 यूरो थी, इसी आधार पर कुल नुकसान 30 मिलियन यूरो आंका गया. लेकिन कई पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि उनके लॉकर में रखा सामान बीमा राशि से कहीं ज्यादा की कीमत का था.
बैंक के बाहर जमा हुए नाराज ग्राहक
जैसे ही चोरी की खबर फैली, सैकड़ों परेशान ग्राहक बैंक के बाहर पहुंच गए. वे अपने लॉकर और सामान की जानकारी मांग रहे थे. पुलिस के अनुसार, कुछ ग्राहकों ने बैंक कर्मचारियों को धमकियां भी दीं, जिसके बाद सुरक्षा बढ़ाई गई और बैंक को बंद रखा गया. बैंक के प्रवक्ता फ्रैंक क्रालमैन ने कहा कि हम इस घटना से बेहद हैरान और दुखी हैं. हम अपने ग्राहकों के साथ खड़े हैं और उम्मीद करते हैं कि अपराधी जल्द पकड़े जाएंगे. बैंक ने बताया कि ग्राहकों के लिए हेल्पलाइन शुरू की गई है. सभी प्रभावित लोगों को लिखित जानकारी भेजी जाएगी और बीमा कंपनियों के साथ मिलकर क्लेम की प्रक्रिया पर काम चल रहा है.
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