Somaliland Recognition: सोमालीलैंड को स्वतंत्र राज्य मानने का इजरायल का फैसला अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा रहा है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान ने इस कदम की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह अवैध और अस्वीकार्य है. एर्दोगान ने चेतावनी दी कि इससे हॉर्न ऑफ अफ्रीका में अस्थिरता बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि सोमालिया की एकता और अखंडता हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है, और इजरायल का यह कदम क्षेत्र की शांति और स्थिरता को खतरे में डालता है. (Somaliland Recognition in Hindi)
एर्दोगन का आरोप- इजरायल अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा
एर्दोगन ने इजरायल पर आरोप लगाया कि वह मध्य पूर्व के अलावा हॉर्न ऑफ अफ्रीका में भी अस्थिरता फैलाने की नीति अपना रहा है. उन्होंने कहा कि नेतन्याहू सरकार के हाथों में 71,000 फिलिस्तीनी भाइयों और बहनों का खून है, और अब वह हॉर्न ऑफ अफ्रीका में भी अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है. उनके इस बयान से स्पष्ट है कि तुर्की इजरायल की विदेश नीति को खतरनाक मानता है.
सोमालिया की प्रतिक्रिया: अवैध आक्रमण
सोमालिया के राष्ट्रपति हसन शेख मोहामूद ने भी इजरायल के फैसले को अवैध आक्रमण करार दिया. उन्होंने कहा कि यह कदम संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अफ्रीकी संघ की सहमति का उल्लंघन है. मोहामूद ने यह भी चेतावनी दी कि इजरायल गाजा और फिलिस्तीन से दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि इजरायल सोमालिया में फिलिस्तीनियों को जबरन विस्थापित कर सकता है और रणनीतिक जलमार्गों पर नियंत्रण करना चाहता है, जो लाल सागर, खाड़ी और अडेन की खाड़ी को जोड़ते हैं. (Somaliland Recognition Turkey Somalia Criticism in Hindi)
तुर्की और सोमालिया का सहयोग
एर्दोगन और मोहामूद की बैठक में यह भी बताया गया कि तुर्की और सोमालिया ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं. दोनों देश ऑफशोर तेल और गैस खोज गतिविधियों में सकारात्मक संकेत देख रहे हैं. स्वतंत्र शोधकर्ता अब्दिनोर दाहिर ने अल-जजीरा को बताया कि तुर्की ने सोमालिया में सुरक्षा बलों, राजनीतिक प्रक्रिया और मध्यस्थता प्रयासों में काफी निवेश किया है. उन्होंने चेतावनी दी कि इजरायल की मान्यता तुर्की के आर्थिक हितों और सोमालिया में उसकी मौजूदगी के लिए खतरा है.
अस्थिरता और क्षेत्रीय खतरे
दाहिर के अनुसार, सोमालिया ने वर्षों की गृहयुद्ध और अल-शबाब व ISIS जैसे चरमपंथी समूहों के खिलाफ संघर्ष के बाद सुरक्षा हासिल की है. लेकिन इजरायल का कदम इन उपलब्धियों को खतरे में डाल सकता है. उनका मानना है कि यह निर्णय अधिक व्यापक अफ्रीकी क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर सकता है और मध्य पूर्व के संघर्ष को हॉर्न ऑफ अफ्रीका में ले जा सकता है.
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