इस्लामाबाद: क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने बने इमरान खान ने कहा है कि वे न तो अमेरिका के विरोधी हैं, न ही भारत के लेकिन वे ‘इन देशों की नीतियों’ के विरोधी हैं. इमरान खान का यह बयान ऐसी धारणाओं के बीच आया है, जो मानती हैं कि वे पाकिस्तानी तालिबान का समर्थन कर रहे हैं.
इमरान ने तर्क दिया कि अमेरिका ‘कपटी’ है- वाशिंगटन खुद अफगान तालिबान के साथ बातचीत आयोजित करने जा रहा है और पाकिस्तान को तहरीक-ए-तालिबान के साथ ऐसा करने से रोक रहा है.इमरान ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं अमेरिका-विरोधी या भारत-विरोधी नहीं हूं.मैं उनकी नीतियों के खिलाफ हूं.’’ हालांकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख ने यह नहीं बताया कि वे भारत की किन नीतियों के खिलाफ हैं.सोशल मीडिया पर इमरान के कई बयानों के कारण विश्लेषकों और अन्य लोगों द्वारा उनकी आलोचना की जाती रही है. इनमें वह बयान भी शामिल है, जब इमरान ने सरकार से अपील की थी कि वह प्रतिबंधित टीटीपी को देश में एक कार्यालय खोलने दें.