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हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख का बेटा इस्लामाबाद में मारा गया

इस्लामाबाद : हक्कानी नेटवर्क के सरगना के बड़े बेटे नसीरुद्दीन हक्कानी को पाकिस्तान की राजधानी के बाहरी इलाके में अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला कर मार गिराया. यह जानकारी आज पुलिस सूत्रों ने दी. हक्कानी नेटवर्क को काबुल में भारतीय दूतावास पर और अमेरिकी बलों पर हमलों के लिए जिम्मेदार बताया जाता है.मोटरसाइकिल पर सवार दो […]

इस्लामाबाद : हक्कानी नेटवर्क के सरगना के बड़े बेटे नसीरुद्दीन हक्कानी को पाकिस्तान की राजधानी के बाहरी इलाके में अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला कर मार गिराया. यह जानकारी आज पुलिस सूत्रों ने दी. हक्कानी नेटवर्क को काबुल में भारतीय दूतावास पर और अमेरिकी बलों पर हमलों के लिए जिम्मेदार बताया जाता है.मोटरसाइकिल पर सवार दो बंदूकधारियों ने नसीरुद्दीन को कल देर रात उस समय मार गिराया जब वह बाराकाहू में एक मस्जिद से कार में अपने घर लौट रहा था. पुलिस सूत्रों ने इस बात को पक्का किया कि नसीरुद्दीन मारा गया है. हालांकि हमले के पीछे कौन था, इस बारे में जानकारी नहीं मिली है. यह भी पता नहीं चला है कि नसीरुद्दीन उस इलाके में क्या कर रहा था और उसके शव को सुपुर्दे खाक करने के लिए कल उत्तरी वजीरिस्तान एजेंसी के मिरानशाह कैसे ले जाया गया.

मीडिया ने हक्कानी नेटवर्क के नेताओं के हवाले से भी नसीरुद्दीन के मारे जाने की पुष्टि की है. हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी का बड़ा बेटा नसीरुद्दीन अफगानिस्तान के पकतिका प्रांत में जन्मा था. उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उस पाबंदी वाली सूची में रखा गया था जिनकी संपत्तियों को जब्त करने के साथ ही उनकी यात्रओं और हथियारों पर 9-11 के आतंकवादी हमलों के बाद से प्रतिबंध था. इस सूची के मुताबिक नसीरुद्दीन ने तालिबान के लिए चंदा उगाहने के लिहाज से सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की यात्र की थी.हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान में तालिबान का सबसे खतरनाक गुट माना जाता है. नसीरुद्दीन संगठन के ‘बातचीत से जुड़े मामलों’ को मुख्य रुप से देखता था. अमेरिका के मुताबिक वह इस खतरनाक संगठन में आर्थिक मदद जुटाने वाला अहम सदस्य था. जलालुद्दीन के तीन और बेटे मारे जा चुके हैं.

हक्कानी को काबुल में और अफगानिस्तान में अन्य जगहों पर कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है. इनमें भारतीय दूतावास पर साल 2008 में हुआ हमला भी शामिल है जिसमें 54 लोग मारे गये थे. जलालाबाद में भारतीय मिशन पर हुए हमले में भी इसी नेटवर्क को शामिल माना जाता है. फिलहाल नेटवर्क का कामकाज नसीरुद्दीन का भाई सिराजुद्दीन देखता है. हक्कानी नेटवर्क को आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के भी संपर्क में बताया जाता है.अमेरिका के पूर्व ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ एडमिरल माइक मुलेन ने एक बार हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की वास्तविक शाखा की संज्ञा दी थी. बीबीसी की खबर के अनुसार अमेरिका के साथ शांति वार्ता के लिए दोहा में तालिबान का दफ्तर खोलने के लिए पिछले साल किये गये प्रयासों में नसीरुद्दीन ने हक्कानी की तरफ से प्रतिनिधित्व किया था. पाकिस्तान में तालिबान समर्थक तत्वों के संपर्क के लिए वह नेटवर्क का अहम नेता था.

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