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अमेरिका और ईरान के विदेश मंत्री करेंगे ऐतिहासिक परमाणु वार्ता

संयुक्त राष्ट्र : एक बड़ी कूटनीतिक बाधा को पार करते हुए प्रतिद्वंद्वी देश अमेरिका और ईरान के विदेश मंत्री पहली बार विवादित ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर बैठक करेंगे. 30 साल में पहली बार दोनों देशों के बीच होने वाली यह बैठक गुरुवार को आयोजित की जाएगी. अमेरिकी अधिकारियों ने कल कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री […]

संयुक्त राष्ट्र : एक बड़ी कूटनीतिक बाधा को पार करते हुए प्रतिद्वंद्वी देश अमेरिका और ईरान के विदेश मंत्री पहली बार विवादित ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर बैठक करेंगे. 30 साल में पहली बार दोनों देशों के बीच होने वाली यह बैठक गुरुवार को आयोजित की जाएगी.

अमेरिकी अधिकारियों ने कल कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और ईरान के नए विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ अपने ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी और रुस से आए समकक्षों के साथ इस बैठक में शामिल होंगे. यह बैठक संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित होनी है.

इसके अलावा व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने इस सप्ताह न्यूयॉर्क में आयोजित होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर राष्ट्रपति बराक ओबामा और नए ईरानी समकक्ष हसन रुहानी के बीच बैठक की संभावना से भी इंकार नहीं किया.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा उपसलाहाकार बेन रोड्स ने कल न्यूयॉर्क में कहा, ‘‘यदि ईरानी सरकार अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंतर्राष्टरीय समुदाय की चिंताओं के निवारण के लिए किए गए वायदों को निभाती है तो हम उनके साथ विभिन्न स्तरों पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘कैरी अपने पी-5-प्लस-1 के समकक्षों के अलावा ईरानी विदेश मंत्री से भी मुलाकात करेंगे ताकि हम पी5-प्लस-1 के साथियों के साथ मिलकर ईरान का अंतर्राष्टरीय दायित्वों के अनुरुप आना सुनिश्चित कर सकें.’’

रोड्स ने कहा, ‘‘लेकिन अभी तक हमने राष्ट्रपति रोहानी के साथ किसी बैठक का समय निर्धारित नहीं किया है. हम किसी भी तरह की वार्ता की संभावना से इंकार नहीं करते.’’ईरान के तेल निर्यात रोकने की मुहिम चलाने वाले अमेरिका ने इस बात पर जोर दिया है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत में प्रगति के बिना उसपर लगाए गए प्रतिबंधों को नहीं हटाएगा. अमेरिका का कहना है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम से परमाणु हथियार विकसित किए जा सकते हैं.

वर्ष 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ईरानी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय संपर्क मुश्किल ही रहे हैं.रोड्स ने कहा, ‘‘हमने ईरान पर प्रतिबंध लगाने और ईरानी सरकार एंव अंतर्राष्टरीय समुदाय से इस मुद्दे पर बातचीत दोनों के लिए ही बहुत सावधानीपूर्वक नीति बनाई है. इसलिए इसे निश्चित तौर पर काफी सावधानीपूर्वक तवज्जो दी जाएगी.’’ओबामा और रुहानी दोनों ही संयुक्तराष्ट्र महासभा को आज संबोधित करेंगे.

गुरुवार को होने वाली बैठक को अमेरिका और ईरान के बीच एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. 1980 में इस्लामी क्रांति के बाद से दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्ते खराब हैं.ओबामा ने कहा है कि 2007 से वह ईरान के नेताओं को वार्ता की मेज तक लाने की कोशिश में लगे हैं.रोड्स ने कहा, ‘‘यदि हमें लगता है कि यह हमारे हितों में है तो हम ऐसा करेंगे और यदि हमें ऐसा लगता है तो हम अपने लक्ष्यों को और नया बनाएंगे. इसमें निश्चित तौर पर समय लगेगा. आप एक ही बैठक में ईरान के साथ सारे मुद्दों का हल नहीं ढूंढ सकते.’’उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम ये संकेत दे रहे हैं कि हम इस मुद्दोको हल करने के लिए तैयार हैं. हमारे राष्ट्रपति और राष्ट्रपति रुहानी के बीच अभी कुछ तय नहीं हुआ है. अभी हमारे विदेश मंत्री कैरी पी5-प्लस-1 की प्रक्रिया के तहत अपने ईरानी समकक्ष से मुलाकात करेंगे.’’

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