नई दिल्ली : विदेशी मुद्राओं की तुलना में रुपये में गिरावट के मद्देनजर चिकित्सा के लिए भारत आने वाले लोगों की संख्या पिछले छह महीने के दौरान 40 प्रतिशत तक बढ़ी है. एसोचैम के एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है.एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, ‘‘डालर के मुकाबले रुपये में गिरावट के चलते पश्चिम एशिया, अफ्रीका और सार्क देशों से भारत आने वाले मरीजों का जटिल शल्य चिकित्सा पर खर्च 35.45 प्रतिशत तक बचेगा.’’
इसकी वजह से, पिछले छह महीने के दौरान भारत आने वाले मरीजों की संख्या 40 प्रतिशत तक बढ़ गई. भारतीय चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र का मौजूदा बाजार आकार 7,500 करोड़ रुपये है जिसके 2015 तक बढ़कर 12,000 करोड़ रुपये का स्तर छू जाने की संभावना है.