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जानिए आइएसआइएस के मुखिया अबू बकर अल बगदादी के बारे में 11 अहम बातें

1. खूंखार आतंकवादी अबू बकर अल बगदादी की पहचान एक रहस्यमयी आतंकवादी की है. वह दाढ़ी रखता है और काले कपड़ा पहनता है. इस साल जुलाई में उसका एक मात्र वीडियो मीडिया में आया था, जिसमें वह धर्मोपदेश देता दिखाई पड़ रहा है. वह धर्म की गलत व्याख्या कर युवाओं को आतंकी बनाता है. 2. […]

1. खूंखार आतंकवादी अबू बकर अल बगदादी की पहचान एक रहस्यमयी आतंकवादी की है. वह दाढ़ी रखता है और काले कपड़ा पहनता है. इस साल जुलाई में उसका एक मात्र वीडियो मीडिया में आया था, जिसमें वह धर्मोपदेश देता दिखाई पड़ रहा है. वह धर्म की गलत व्याख्या कर युवाओं को आतंकी बनाता है.
2. उसका वीडियो आने से पहले उसकी केवल दो तसवीरें सामने आयीं और उसकी पुष्टि हुई. वह मुखौटा पहन कर भी अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करता है. वह हमेशा मुखौटा बदलता रहता है. इसी कारण उसे अदृश्य शेख नाम दिया गया.
3. उसका पूर्ववर्ती अबू मूसाद अल जरक्वायी भी 2006 में अमेरिकी हमले में मारा गया था. इसके बाद अमेरिका ने 2011 में बगदादी को ठिकानों का पता लगाने में सफलता पायी थी. 2011 में अमेरिका ने 5.8 मिलियन डॉलर पुरस्कार की घोषणा उसको मारने पर या उसकी गिरफ्तारी पर घोषित किया गया.
4. इतनी बड़ी पुरस्कार राशि का एलान करने पर भी उसको न तो जीवित पकड़ा जा सका और न ही अबतक मारे जाने की ही पक्की पुष्टि हुई. इसलिए अमेरिका ने इसी साल के मध्य में पुरस्कार राशि लगभग दोगुणी कर दी. अब उस पर 10 मिलियन डॉलर का पुरस्कार है.
5. उसका जन्म 1971 में धार्मिक प्रचारकों के एक परिवार में हुआ था. इसका शुरुआती नाम इब्राहिम अवाद इब्राहिम अल बदरी था. वह बगदाद के उत्तर में स्थित शहर समारा में पला बढ़ा. उसके बाद आगे की शिक्षा के लिए वह राजधानी बगदाद आ गया.
6. फ्रांस के एक अखबार ने उसे नये बिन लादेन का भी नाम दिया. इस्लामिक विश्वविद्यालय से पीएचडी करने के दौरान वह इराक की राजधानी बगदाद के बाहरी इलाके के एक मसजिद में 2004 तक लगभग 10 सालों तक छोटे से कमरे में रहा.
7. कुछ विवादों के कारण और अमेरिका के संयुक्त फोर्स के सद्दाम हुसैन का तख्ता पलट के लिए पहुंचने के कुछ दिनों बाद मसजिद के मालिक ने उसे अपने यहां से हट जाने को कहा. इसके बाद वह वहां से कूच कर गया.
8. अमेरिका खुफिया एजेंसी की 2005 की रिपोर्ट के अनुसार, बाद में वह सुन्नी बहुल इलाके के क्वैम चला गया. उस समय अबू दुवा फर्जी नाम उसने रखा. उस पर स्थानीय लोगों ने कुछ गंभीर आरोप लगाये थे.
9. इसी दौरान उसकी मुलाकात हिशाम अल हाशिमी नामक व्यक्ति से हुई. वह एक इराकी सुरक्षा रणनीतिकार था. उसने अल बगदादी को अपने अतिवादी विचारों से प्रभावित किया. हाशिमी एक अमेरिकी कैंप में रहा था.
10. अपने पूर्ववर्ती उमर अल बगदादी की मौत के बाद मई 2010 में वह आइएसआइएस का नेता घोषित किया गया. फोर्ब्स पत्रिका ने उसे 54 सर्वाधिक ताकतवार लोगों की सूची में शामिल किया.
11. इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल मलिक ने उसे इराक व सिरिया के 65 लाख लोगों के विस्थापन का जिम्मेवार ठहराया है. वह हजारों निदरेषों के मौत का भी दोषी है. उस हर हाल में पकड़ने का आदेश दिया गया है.

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