14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एक विलुप्त मेढक की वापसी

ऐसा बहुत कम होता है कि किसी विलुप्त घोषित की जा चुकी प्रजाति अचानक फिर से प्रकट हो जाये. लेकिन मेढक की एक प्रजाति ने ऐसा करके वैज्ञानिकों को चौंका दिया है. दिलचस्प है कि यह वही मेढक है जिसे इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आइयूसीएन)द्वारा पहला विलुप्त उभयचर प्राणी घोषित किया गया था. […]

ऐसा बहुत कम होता है कि किसी विलुप्त घोषित की जा चुकी प्रजाति अचानक फिर से प्रकट हो जाये. लेकिन मेढक की एक प्रजाति ने ऐसा करके वैज्ञानिकों को चौंका दिया है. दिलचस्प है कि यह वही मेढक है जिसे इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आइयूसीएन)द्वारा पहला विलुप्त उभयचर प्राणी घोषित किया गया था.

इस मेढक को विलुप्त घोषित किये जाने के करीब 60 वर्षो के बाद इस्नइल के उत्तरी हिस्से में फिर से देखा गया है. जीव वैज्ञानिक इसे विलक्षण ‘जीवित जीवाश्म’ (लिविंग फॉसिल) करार दे रहे हैं. ‘हुला पेंटेड फ्रॉग’ नामक इस मेढक को सबसे पहले 1940 के शुरुआती वर्षो में उत्तरी इस्नइल के हुला घाटी में पाया गया था. और उस समय इसका सूचीकरण भी किया गया था.

लेकिन 1650 के दशक के अंत तक हुला झील के सूख जाने के बाद इस मेढक को विलुप्त मान लिया गया था. आइयूसीएन ने 1960 में इसे विलुप्त प्राणी करार दिया था. लेकिन इस्नइली, जर्मन और फ्रांस के वैज्ञानिकों के एक दल ने ‘नेचर कम्युनिकेशन’ नामक एक वैज्ञानिक जर्नल में इस मेढक का सूक्ष्म विश्‍लेषण किया है.

इस अध्ययन के मुताबिक हुला मेढक, अपने मौजूदा संबंधियों से काफी अलग है, यहां तक कि उत्तरी ओर पश्चिमी अफ्रीका में पाये जानेवाले पेंटेड फ्रॉग से भी यह काफी भिन्न है. इसका एकमात्र संबंधी संभवत: यूरोप में दस लाख साल पहले ही विलुप्त हो गया लैटोनिया मेढक है. इस शोध के बाद हुला घाटी के कुछ हिस्सों में पानी भर कर वहां दलदली जमीन तैयार करने की योजना है, ताकि हुला मेढकों का पुनर्वास किया जा सके.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें