नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से किये जा रहे फैसलों से न केवल भारत में ही सनसनी फैली हुई है, बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी उनके फैसलों की भी धमक पहुंच गयी है. अभी हाल ही में योगी आदित्यनाथ की ओर से महापुरुषों के नाम पर दिये जाने वाले अवकाश को समाप्त करने की खबर से सूबे के सरकारी बाबुओं में तो हड़कंप मची ही है, पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने भी इस खबर को प्रमुखता के साथ नकरात्मक अंदाज में प्रकाशित किया है. इस अखबार ने "उत्तर प्रदेश कैंसेल्स ईद मिलाद-उन-नबी, जमात-उल-विदा हॉलिडेज, एलॉन्ग विद 15 अदर्स" नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की है.
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योगी आदित्यनाथ के छुट्टियों के समाप्त करने के फैसलों से संबंधित समाचार में बीबीसी उर्दू के हवाले पाकिस्तानी अखबार डॉन ने लिखा है कि भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा नीति राज्य सरकार ने ईद मिलाद-उन-नबी, जमात-उल-विदा समेत कररीब 15 छुट्टियों को रद्द करने का फैसला किया है.
इस खबर में लिखा गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्विटर एकाउंट के जरिये इन छुट्टियों को रद्द करने का फैसले की घोषणा की गयी है. अखबार ने अपनी खबर में लिखा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, चंद्रशेखर और चौधरी चरण सिंह जैसे महापुरुषों के नाम पर घोषित अवकाश को भी समाप्त कर दिया है.
अखबार ने मुख्यमंत्री के ऑफिशियल ट्विटर एकाउंट पर किये गये ट्विट को हूबहू लिखा है कि शैक्षिक संस्थानों को महान व्यक्तित्वों के जन्मदिनों पर, अपने व्यक्तित्व, उपलब्धियों और प्रेरक शिक्षाओं के कम से कम एक घंटे के लंबे समय तक विद्यार्थियों को सम्मिलित करना चाहिए. इस खबर में यह लिखा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महापुरुषों के नाम पर दिये जाने अवकाश को समाप्त करने की घोषणा करने के पहले ही इस बात के संकेत दे दिये थे.
अखबार ने लिखा है कि उन्होंने अपने भाषण में भारतीय संविधान में महापुरुषों के जन्मदिन को मनाने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि महापुरुषों को याद करने और उनसे प्रेरणा लेने के लिए छुट्टी दी जाती है, तो क्यों नहीं इस अवसर पर स्कूलों को दो घंटे तक खुला रखकर बच्चों को महापुरुषों के बारे में बताया जाये?
इस अखबार ने यह भी लिखा है कि योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से महापुरुषों के नाम पर घोषित किये गये कई अवकाशों को भी रद्द कर दिया है. अखबार में कहा गया है कि इस समय उत्तर प्रदेश में करीब 42 सार्वजनिक अवकाश दिया जाता है, जिसमें करीब 17 अवकाश महापुरुषों के नाम पर मिलता है.