ग्वाटेमाला : अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के साथ टेलीफोन पर बातचीत करने और चीन की ‘एक चीन’ नीति पर अंकुश लगाने की धमकी के कारण अमेरिका-चीन के बीच उपजे तनावों के बीच एशियाई नेता अगले महीने मध्य अमेरिकी देश ग्वाटेमाला की यात्रा करेंगी.
ग्वाटेमाला के विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि 20 जनवरी को ट्रम्प के अपना कार्यकाल संभालने से महज एक सप्ताह पहले ताइवान की राष्ट्रपति 11-12 जनवरी को देश की यात्रा करेंगी. मध्य अमेरिकी देश दुनिया के उन 21 देशों में शामिल है जो बतौर सम्प्रभु देश ताइवान की मान्यता से संबद्ध चीन के रुख का विरोध करता है.
वह होंडुरास, एल सल्वाडोर और निकारागुआ की भी यात्रा करेंगी. चीन ताइवान को विश्वासघाती प्रांत मानता है और वह इसे एक देश के तौर पर राजनयिक मान्यता का जबरदस्त विरोध करता है. इस बीच चीन ने अमेरिका से साई की मध्य अमेरिकी देश की यात्रा के दौरान अमेरिकी हवाई क्षेत्र से होते हुए उनकी विमान यात्रा को रोकने के लिए कहा है. कुछ रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि वह ट्रम्प के शिष्टमंडल से बातचीत के लिए न्यूयार्क में रुक सकती हैं.
बहरहाल, चीन की ‘एक चीन’ नीति से अमेरिका के लगाव पर ट्रम्प ने सवाल खड़े किये हैं. इस महीने के शुरु में ‘फॉक्स न्यूज’ को उन्होंने बताया था, ‘मैं नहीं जानता कि जब तक चीन के साथ कारोबार सहित अन्य चीजों पर हम किसी समझौते पर नहीं पहुंचते तब तक हम एक चीन नीति के लिए बाध्य क्यों हैं.’