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संयुक्त राष्ट्र से पाक करेगा कश्मीर टीम भेजने की सिफारिश

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने आज तय किया है कि वह कश्मीर की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् जाएगा और संगठन से अपनी तथ्यान्वेषी टीम राज्य में भेजने का अनुरोध करेगा. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अध्यक्षता में आज हुई उच्चस्तरीय बैठक में कश्मीर मुख्य मुद्दा बना रहा और इसी दौरान यह फैसला लिया गया. […]

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने आज तय किया है कि वह कश्मीर की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् जाएगा और संगठन से अपनी तथ्यान्वेषी टीम राज्य में भेजने का अनुरोध करेगा. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अध्यक्षता में आज हुई उच्चस्तरीय बैठक में कश्मीर मुख्य मुद्दा बना रहा और इसी दौरान यह फैसला लिया गया.

प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, शरीफ ने कहा, ‘‘भारत का यह दावा करने का प्रयास कि कश्मीर में लगातार खराब हो रहे मानवाधिकार हालात” भारत का आंतरिक मुद्दा है ‘‘तथ्यात्मक रुप से गलत, कानूनी तौर पर अपुष्ट और अंतरराष्ट्रीय कानून तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के प्रस्तावों का उल्लंघन है.” क्षेत्रीय सुरक्षा, विशेष रुप से कश्मीर की स्थिति पर चर्चा के लिए शरीफ की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह बयान जारी किया गया.
बयान में कहा गया है, ‘‘बैठक में यह तय हुआ कि पाकिस्तान अपनी तथा कश्मीरी संपर्क समूह ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन :ओआईसी: की ओर से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् से संपर्क करेगा और कश्मीर में तथ्यान्वेषी टीम भेजने का अनुरोध करेगा। ताकि वह टीम मासूम नागरिकों की हत्याओं की जांच कर सके और प्रदर्शन करने के अपने अधिकार का उपयोग करने वाली भीड को हटाने के लिए पैलेट गन (छर्रे वाली बंदूकों) के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा सके।” पाकिस्तान के सेना प्रमुख राहील शरीफ भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में विदेश मंत्रालय ने कश्मीर और अफगानिस्तान की स्थिति की जानकारी दी.
शरीफ ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के प्रस्तावों के अनुरुप स्व-निर्णय के मूल अधिकार का प्रयोग करने के लिए हमने हमेशा से जम्मू-कश्मीर के लोगों का राजनयिक, राजनीतिक और नैतिक समर्थन किया है और करते रहेंगे।” बयान के अनुसार, बैठक में सर्वसम्मति से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा गया कि वे ‘‘भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन” की निंदा करें तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के प्रस्तावों को लागू कराने में अपनी भूमिका निभाएं.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, हिज्बुल मुजाहीद्दीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर बैठक में ‘‘गंभीर चिंता” जतायी गयी. बयान में कहा गया है, ‘‘क्षेत्र में भारतीय हिंसा के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे मासूम कश्मीरियों पर भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा लगातार किए जा रहे क्रूर उत्पीडन” की बैठक में निंदा की गयी.
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा, ‘‘बल का कठोर प्रयोग कश्मीर के लोगों के मूल अधिकारों का खुला उल्लंघन है, कोई सभ्य समाज इसकी अनुमति नहीं देगा. ” प्रधानमंत्री ने दोहराया कि कश्मीर मुद्दे का एकमात्र समाधान ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के प्रस्तावों को जल्दी से जल्दी लागू करना होगा… संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष तरीके से।” आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रिजवान अख्तर, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष रशद महमूद, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासीर जनजुआ और विदेश मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज भी इस बैठक में शामिल हुए.

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