न्यूयार्क : जीनिवा से मंगलवार को अमेरिका पहुंचे मोदी ने ओबामा के साथ भोज के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. ओबामा ने एनएसजी सदस्यता पर भारत के समर्थन का आश्वासन दिया. आज मोदी अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे. अमेरिका आने से पूर्व स्विटजरलैंड में मोदी ने बैंककर्मियों को संबोधित करते हुए भारत ने स्विस बैंक खोलने का न्योता दिया. मोदी ने कहा कि भारत के कुछ शहरों को स्विटजरलैंड बनाना है. इस दौरान भारत और स्विट्जरलैंड स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के कालेधन का पता लगाने के लिए सहयोग बढाने पर भी सहमत हुए. मोदी पांच देशों के दौरे पर हैं. उन्होंने दौरे की शुरुआत अफगानिस्तान से की, फिर कतर और स्विट्जरलैंड गए. अमेरिका की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मैक्सिको जाएंगे. मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिके पेना नीटो ने उन्हें आमंत्रित किया है.
ओबामा ने एनएसजी सदस्यता पर भारत का समर्थन किया
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत के प्रयास का समर्थन किया. दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को आगे बढाने की सहमति के बीच यह बात आई जिसमें भारत को रक्षा क्षेत्र में अमेरिका के करीबी साझेदार का दर्जा देने के रोडमैप को अंतिम रुप दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यहां करीब घंटे भर चली बातचीत में ओबामा ने पाकिस्तानी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों से और ‘डी’ कंपनी (अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के संदर्भ में) से आतंकवादी खतरों के खिलाफ भारत के साथ सहयोग करने का वादा भी किया.
वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, ‘इस संदर्भ में उन्होंने :दोनों नेताओं ने: अपने अधिकारियों को अमेरिका-भारत आतंकवाद निरोधक संयुक्त कार्य समूह की अगली बैठक में साझेदारी के नये विशेष क्षेत्रों को चिह्नित करने का निर्देश दिया.’ अमेरिकी पक्ष ने महत्वपूर्ण तरीके से पठानकोट हमले को 26-11 आतंकवादी हमलों की तरह मानने की अपनी प्रतिबद्धता जताई ताकि पाकिस्तान में साजिशकर्ताओं को दंड सुनिश्चित किया जा सके.
अमेरिका-भारत के बीच 6 समझौते पर हुए हस्ताक्षर
ओबामा और मोदी की बातचीत के बाद आतंकवाद संबंधी सूचना की स्क्रीनिंग के आदान-प्रदान पर एक समझौते समेत छह करारों पर दस्तखत किये गये. बातचीत में मुख्यत: आतंकवाद, स्वच्छ उर्जा, जलवायु परिवर्तन, रक्षा, क्षेत्रीय सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आर्थिक संबंध और जनता के बीच संपर्क जैसे विषय रहे. अपने ओवल दफ्तर में मोदी के साथ मीडिया को संयुक्त रुप से संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा कि दोनों सबसे बडे लोकतंत्रों भारत और अमेरिका के लिए साझेदारी को गहन करना और व्यापक करना स्वाभाविक है.
ओबामा ने कहा कि असैन्य परमाणु करार में हुई प्रगति के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. दोनों ने पिछले दो सालों में असैन्य परमाणु करार को लागू करने में दोनों सरकारों द्वारा उठाये गये कदमों पर भी चर्चा की. मोदी ने कहा कि वह और ओबामा सितंबर में (चीन में) जी-20 देशों के सम्मेलन से इतर मिलेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि उस समय तक उन लोगों को जलवायु से न्याय के सपने समेत कई क्षेत्रों में प्रगति करने में सफलता मिलेगी. उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्रीय विषयों पर चर्चा होने की जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका और भारत शांति और विकास का साझा दृष्टिकोण रखते हैं और जटिल मुद्दों का समाधान कूटनीतिक तरीके से होना चाहिए.

