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आंवला : स्वाद व गुणों का खजाना

दादी-नानी के खजाने से हम लेकर आये हैं कुछ खास लाजवाब सरल-सहज नुसखे, जिन्हें अपना कर आप भी पा सकते हैं निरोगी काया आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद को फिट रखने के लिए स्वस्थ होना जरूरी है. विज्ञान के इस युग में बच्चों से लेकर बूढ़े तक विविध घातक रोगों से ग्रस्त होते […]

दादी-नानी के खजाने से हम लेकर आये हैं कुछ खास लाजवाब सरल-सहज नुसखे, जिन्हें अपना कर आप भी पा सकते हैं निरोगी काया

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद को फिट रखने के लिए स्वस्थ होना जरूरी है. विज्ञान के इस युग में बच्चों से लेकर बूढ़े तक विविध घातक रोगों से ग्रस्त होते जा रहे हैं, जिसका निदान एलोपैथी में तो है, किंतु कुछ समय के लिए ही. यदि आप इनसे हमेशा-हमेशा के लिए निजात पाना चाहते हैं, तो क्यों न आप स्वास्थ्यवर्धक फल आंवला का नियमित सेवन करें.

आंवले के लाभ : आंवले के फल में रक्त पित्त, अम्ल पित्त, पांडु, त्रिदोष, दमा, खांसी, श्वास रोग, कब्ज, छाती के रोग, दिल का रोग, मूत्र विकार आदि अनेक रोगों को मूल रूप से नष्ट करने की क्षमता होती है. यह वीर्य को पुष्ट करके पौरु ष बढ़ाता है, मोटापा दूर करता है और सिर के बालों को काला, लंबा व घना रखने में सहायता करता है. इसके अन्य फायदे भी हैं, जैसे- दांत के मसूड़ों की खराबी को दूर करना, आंखों की ज्योति को बढ़ाना, चर्म रोग को दूर करना, सिर दर्द को ठीक करना, नकसीर को रोकना, समय से पहले बूढ़ापे के लक्षण को न आने देना, लीवर को मजबूत बनाना आदि. नकसीर के रोगियों को आंवले का जूस पीना चाहिए. शुगर के रोगियों को आंवले के जूस का सेवन लगातार करना चाहिए. इससे शुगर का लेवल सही रहता है और धीरे-धीरे शुगर से हमेशा के लिए मुक्ति मिल सकती है.

कैसे करें सेवन : आप चाहें तो चटनी के रूप में इसे खाएं या मुरब्बा के रूप में, अचार के रूप में कैंडी के रूप में. नियमित रूप से चूर्ण के रूप में सेवन काफी आसान है. यदि आंवला चूर्ण को शहद के साथ लिया जाये, तो रक्त शुद्ध होता है. वहीं घी के साथ खाने से एसिडिटी या गैस की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है.

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