कराची : पाकिस्तान के पूर्व सैनिक शासक जनरल परवेज मुशर्रफ ने एक बार फिर करगिल युद्ध का उल्लेख करते हुए दावा किया है कि पाकिस्तान ने 1999 का यह युद्ध जीत लिया था, लेकिन नवाज शरीफ नीत सरकार ने इस सफलता को राजनीतिक हार में बदल दिया.
स्वयं इस युद्ध का षडयंत्र रचने वाले मुशर्रफ ने कहा कि उनकी सेना ने भारत को संकट में डाल दिया था. उन्होंने करगिल में पाकिस्तान की इस कथित जीत को भारत पर पाकिस्तान की सबसे बड़ी सैन्य जीत करार दिया.
मुशर्रफ ने अपनी पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एपीएमएल) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, मैं नहीं मानता था कि भारत तीन महीने चले उस युद्ध (करगिल युद्ध) को भुला पाएगा जब हमारे सशस्त्र बलों ने भारत को संकट में डाल दिया था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने अपने भारतीय समकक्षों को करगिल में हैरत में डाल दिया था.
वर्तमान में कई अदालती मामलों का सामने कर रहे मुशर्रफ वर्तमान में कराची में हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना अपनी दूसरी पंक्ति के साथ कश्मीर के करगिल जिले में घुसी थी और पांच सामरिक स्थानों पर कब्जा कर लिया था जिनमें से चार के बारे में भारतीय बल जानते भी नहीं थे.
उन्होंने कहा, मैं यह कह सकता हूं कि वह भारत पर हमारी सबसे बड़ी सैन्य जीत थी क्योंकि वे एक क्षेत्र में सामरिक स्थानों में से आधा भी वापस हासिल नहीं कर सके लेकिन अफसोस की बात है कि हमारे राजनीतिज्ञों ने इस मौके को गंवा दिया.
मुशर्रफ ने पाकिस्तान सरकार के कुछ मंत्रियों द्वारा हाल में किये गए दावों का भी समर्थन किया कि बलूचिस्तान और कराची में अशांति के पीछे भारतीय गुप्तचर एजेंसी रॉ का हाथ था. उन्होंने दावा किया कि अफगानिस्तान में भारतीय मिशन आतंकवादियों के प्रशिक्षण मुख्यालय के तौर पर काम कर रहे हैं जिसके बारे में सबूत अफगान सरकार को मुहैया कराये गए हैं. भारत ने ऐसे सभी दावों का खंडन किया है.