।। दक्षा वैदकर ।।
लोग अक्सर ऐसा कहते हैं कि कर्मचारियों को अपने बॉस को फेसबुक में एड नहीं करना चाहिए, इसका उन्हें नुकसान हो सकता है. लेकिन मेरा मानना है कि अगर हमारी गतिविधियां सही रहें, तो इससे नुकसान नहीं, बल्कि फायदा ही होता है. बॉस भी यह जान पाते हैं कि उनके कर्मचारियों का फैमिली बैकग्राउंड क्या है? कब वे अच्छा महसूस करते हैं, कब दुखी हैं.
कई बार कर्मचारी अपने बॉस को फेसबुक रिक्वेस्ट भेजते भी हैं, लेकिन बॉस उन्हें एड नहीं करते. इसके पीछे ज्यादातर केसेज में वजह इगो होती है. उन्हें लगता है कि मैं बॉस हूं और मैं भला इन छोटे-मोटे लोगों को अपनी फ्रेंडलिस्ट में कैसे जोड़ सकता हूं?
पिछले दिनों एक बड़ी कंपनी के बहुत सीनियर व्यक्ति से मेरी मुलाकात हुई. वे फेसबुक पर हैं और उनके ऑफिस के छोटे से लेकर बड़े कर्मचारी तक उनसे फेसबुक पर जुड़े हुए हैं.
कर्मचारी उनकी हर पोस्ट को लाइक करते हैं, वहीं बॉस भी कर्मचारियों की अच्छी पोस्ट पर कमेंट करते हैं. उनसे जब मेरी इस बारे में बात हुई, तो उन्होंने कहा, ‘करीब 7-8 साल पहले जब मैं क्लर्क था, तब मैं अपने एक बॉस को अपनी प्रेरणा मानता था. मेरी बस यही इच्छा थी कि एक बार मैं उनसे बात करूं, लेकिन मैं कभी हिम्मत नहीं जुटा पाया.
एक दिन मैंने उन्हें फेसबुक पर देखा. डरते-डरते रिक्वेस्ट भेज दी. फिर मुङो लगा कि मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी, लेकिन मैंने देखा कि अगले ही पल उन्होंने मेरी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली. मैं खुशी से नाच उठा कि मेरे बॉस ने मुङो फ्रेंडलिस्ट में एड किया. अब मैं उनकी गतिविधियां देख सकता था और वह मेरी. मुङो कविताएं लिखने का शौक था, जो मैं अक्सर फेसबुक पर अपलोड करता था. एक दिन जब मैंने फेसबुक ऑन किया, तो देखा कि बॉस ने मेरी कविता पर तारीफ वाला कमेंट किया है.
उस दिन खुशी के मारे मैंने खाना नहीं खाया. कुछ दिनों बाद जब वे मेरे सामने से गुजरे, तो उन्होंने ऑफिस में सभी के सामने मेरी कविता की तारीफ की. वह दिन मैं कभी नहीं भूल सकता. इसलिए मुङो लगता है कि हर बॉस को अपने कर्मचारियों से इसी तरह जुड़े रहना चाहिए.’
बात पते की..
– फेसबुक पर एक-दूसरे से जुड़ कर हम लोगों के स्वभाव, उनके परिवार, उनकी पसंद-नापसंद, सोच के बारे में जान सकते हैं, जो फायदेमंद है.
– लोगों को यह महसूस कराएं कि वे छोटे पद पर हैं और आप बड़े, इससे आपका घमंड नजर आ जाता है. इस प्रकार लोग आपको नापसंद करने लगेंगे.
