15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

नागरिकता क़ानून: बीजेपी को क्यों उतरना पड़ा बंगाल की सड़कों पर

<figure> <img alt="जेपी नड्डा" src="https://c.files.bbci.co.uk/F800/production/_110288436_gettyimages-1190268560.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में और लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए बीजेपी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में एक बड़ी रैली निकाली. बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा इसमें शामिल हुए. उनके साथ इस रैली में पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी […]

<figure> <img alt="जेपी नड्डा" src="https://c.files.bbci.co.uk/F800/production/_110288436_gettyimages-1190268560.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में और लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए बीजेपी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में एक बड़ी रैली निकाली. बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा इसमें शामिल हुए. उनके साथ इस रैली में पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी थे. </p><p>जेपी नड्डा ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एनआरसी विरोध पर सवाल भी उठाए. उन्होंने कहा कि बंगाल इस नागरिकता संशोधन क़ानून का सम्मान करता है लेकिन ममता बनर्जी और उनके नेता इसे लेकर भ्रम फैला रहे हैं. वे प्रदेश के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.</p><p>कुल मिलाकर यह रैली और जेपी नड्डा का संबोधन नागरिक संशोधन क़ानून पर सरकार का पक्ष रखने की कोशिश थी. लेकिन सवाल ये है कि आख़िर बीजेपी ने ‘स्पष्टीकरण’ के लिए पश्चिम बंगाल को ही क्यों चुना. जबकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और नागरिक संशोधन क़ानून के विरोध में जहां हर दूसरे दिन कोई रैली या फिर अनशन हो रहा है. </p><p>उत्तर प्रदेश भी विकल्प था, जहां एनआरसी और सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों में कई मौतें हो चुकी हैं. उत्तर प्रदेश में बीजेपी ही शासन में भी है, ऐसे में बीजेपी के लिए यह भी एक विकल्प हो सकता था लेकिन क्या वजह रही कि बीजेपी ने राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश को छोड़कर पश्चिम बंगाल को इस काम के लिए चुना.</p><p><em>बीबीसी संवाददाता भूमिका राय ने वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी से इस</em><em> पर </em><em>बात की.</em></p><figure> <img alt="ममता बनर्जी" src="https://c.files.bbci.co.uk/53F0/production/_110288412_40e0fcde-6a1b-47cc-84b2-729a15d862ae.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>पश्चिम बंगाल को रैली के लिए चुनने की वजह </h1><p>नीरजा चौधरी के मुताबिक़ एनआरसी और सीएए को लेकर जो सबसे अधिक भ्रम की स्थिति है वो पश्चिम बंगाल में ही है.</p><p>वो कहती हैं, &quot;असली शंका की स्थिति पश्चिम बंगाल में ही है. जैसी ख़बरें आ रही हैं उसके अनुसार कार्ड बनवाने के लिए लोगों की लंबी-लंबी कतार लगना शुरू हो गई हैं. लोगों में इतनी घबराहट है और वो इतने फिक्रमंद हैं कि अभी से अपने सारे क़ागज़ात तैयार कराने में जुट गए हैं. उन्हें डर है. वे जल्दी जल्दी अपने सारे कागज़ात पूरे कर लेना चाहते हैं ताकि किसी तरह की मुसीबत में ना आ जाएं.&quot;</p><figure> <img alt="पीएम नरेंद्र मोदी" src="https://c.files.bbci.co.uk/EC48/production/_110288406_8a9ed047-97d8-4dcf-8cb2-c3942a657a3f.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>नरेंद्र मोदी के भाषण का महत्व </h1><p>नीरजा चौधरी कहती हैं कि यह सही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में अपने भाषण में कहा कि एनआरसी को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है, आधिकारिक तौर पर बात नहीं हुई है लेकिन प्रधानमंत्री के बयान से यह पूरी तरह कहीं से स्पष्ट नहीं होता है कि वे लोग एनआरसी लागू नहीं करने वाले हैं.</p><p>वो कहती हैं &quot;अगर गृहमंत्री संसद के भीतर ये कहते हैं कि हम पूरे देश में एनआरसी लागू करेंगे तो उसे गंभीरता से ही लिया जाएगा और फिर प्रधानमंत्री का भाषण…ऐसे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं है. यह अभी तक किसी को स्पष्ट नहीं है कि एनआरसी होगी, नहीं होगी, अभी होगी या फिर कभी नहीं होगी. इन सवालों के बहुत स्पष्ट जवाब नहीं हैं.&quot;</p><p>नीरजा मानती हैं, चूंकि कुछ भी साफ़ नहीं है इसलिए भ्रम फैल रहा है. </p><p>&quot;जहां तक बंगाल की बात है वहां चुनाव होने वाले हैं और भाजपा के लिए पश्चिम बंगाल बहुत अहम है. ख़ुद अमित शाह बतौर पार्टी अध्यक्ष रहते हुए ये कई बार स्पष्ट कर चुके हैं. लोकसभा चुनावों में पार्टी ने प्रदर्शन भी बहुत अच्छा किया भी.&quot;</p><p>&quot;बीजेपी की रणनीति रही है हिंदुओं को अपनी ओर और आकर्षित करने की और इससे इनकार नहीं किया जा सकता.&quot;</p><figure> <img alt="एनआरसी" src="https://c.files.bbci.co.uk/13A68/production/_110288408_953c6be7-d7e8-4c7d-aeac-1269c19621b3.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>क्या बीजेपी की रणनीति काम करेगी?</h1><p>नीरजा चौधरी मानती हैं कि बहुत हद तक संभव है कि बीजेपी की यह रणनीति काम करे. </p><p>&quot;बीते सालों के आधार पर देखें तो बीजेपी पश्चिम बंगाल में आगे बढ़ती जा रही है और लोग भी उसकी तरफ़ झुके हैं. लेकिन जिस तरह से ममता बनर्जी ने अपना मार्च निकाला और जिस तरह से एनआरसी का विरोध वो कर रही हैं उससे स्पष्ट है कि वो चुनावों को अभी से गंभीरता से ले रही हैं. और ऐसे में यह साफ़ नज़र आ रहा है कि दोनों तरफ़ से मोर्चे तैयार हैं. एक ओर जहां ममता बनर्जी के लिए राज्य में अपनी सरकार को बनाए रखने की बात है वहीं बीजेपी के लिए पैंठ बनाए रखने की.&quot; </p><p>नीरजा चौधरी कहती है &quot;बीजेपी के लिए अयोध्या-2 है एनआरसी&quot;. </p><figure> <img alt="झारखंड" src="https://c.files.bbci.co.uk/05D0/production/_110288410_baece7db-42d7-42c5-8eb5-ece1378da4d5.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>तो क्या झारखंड के नतीजे एनआरसी और सीएए के विरोध का नतीजा हैं</strong><strong>?</strong></p><p>नीरजा चौधरी मानती हैं कि झारखंड के नतीजे यह स्पष्ट संकेत हैं कि अब लोगों के लिए आर्थिक मुद्दे, चुनावी मुद्दे हैं. </p><p>हालांक वो इस बात पर हैरानी जताती हैं कि बीजेपी को आदिवासी इलाक़ों में भी हार का सामना करना पड़ा है. </p><p>वो कहती हैं &quot;झारखंड बीजेपी के लिए एक सीख है. लोगों की क्षेत्रीय पार्टी की ओर जाना, बीजेपी के लिए एक संकेत है. बीजेपी को समझना होगा कि रोज़ी-रोटी अब लोगों के लिए सबसे प्रमुख मुद्दा है. ये मुद्दे अब आगे आ रहे हैं.&quot;</p><p>लेकिन क्या बंगाल में भी यही मु्द्दे काम करेंगे या फिर बीजेपी संवेदना के आधार पर वोट हासिल कर पाएगी?</p><p>इस पर नीरजा चौधरी कहती हैं बंगाल के कई निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी अधिक है. </p><p>वो मानती हैं कि बीजेपी हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की रणनीति के साथ आगे बढ़ेगी जहां एनआरसी को एक ‘टूल’ की तरह इस्तेमाल किया जाएगा. </p><p>वो मानती हैं कि यह बीजेपी की आज़मायी हुई रणनीति है और बीजेपी इसी के साथ आगे बढ़ेगी. </p><p>नीरजा चौधरी मानती हैं कि एनआरसी, बंगाल में एक टूल की तरह इस्तेमाल किया जाएगा और बीजेपी जो कह रही है वो वही करेगी भी. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.</strong><strong>)</strong></p>

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel