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इमरान ख़ान को बड़ी राहत, सेना प्रमुख पर आया फ़ैसला

<figure> <img alt="इमरान ख़ान" src="https://c.files.bbci.co.uk/2924/production/_109923501_gettyimages-1181277782.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>आख़िरकार पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार शाम बहुप्रतीक्षित फ़ैसला सुना दिया. </p><p>अदालत ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है, ”सेना प्रमुख के तौर पर जनरल […]

<figure> <img alt="इमरान ख़ान" src="https://c.files.bbci.co.uk/2924/production/_109923501_gettyimages-1181277782.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>आख़िरकार पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार शाम बहुप्रतीक्षित फ़ैसला सुना दिया. </p><p>अदालत ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है, ”सेना प्रमुख के तौर पर जनरल बाजवा की वर्तमान नियुक्ति छह महीने तक रहेगी. नए क़ानून बनने के बाद उनका आगे का कार्यकाल तय होगा.” </p><p>इमरान ख़ान को आर्मी एक्ट में संशोधन करना होगा और फिर इसे संसद से मंजूरी मिल जाएगी. इसके बाद इमरान ख़ान के पास अधिकार होगा कि वो सेना प्रमुख के कार्यकाल बढ़ाए जाने का नोटिस जारी करें. </p><p>इन छह महीनों में इमरान ख़ान की सरकार सेना प्रमुख के कार्यकाल बढ़ाए जाने पर संसद में नया नियम बनाएगी. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आसिफ़ सईद खोसा, जस्टिस मियां मज़हर आलम ख़ान और जस्टिस सैयद मंसूर अली शाह की बेंच ने यह फ़ैसला सुनाया.</p><p>पाकिस्तान की सांस पिछले तीन दिनों से अटकी हुई थी. जनरल क़मर जावेद बाजवा के सेना प्रमुख के तौर पर कार्यकाल बढ़ाए जाने की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही थी. </p><p>सेना प्रमुख से क़मर जावेद बाजवा के तीन साल का कार्यकाल 29 नवंबर को यानी कल ख़त्म होने वाला था लेकिन प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने तीन साल के लिए पहले ही बढ़ा दिया था. </p><figure> <img alt="बाजवा" src="https://c.files.bbci.co.uk/96FC/production/_109925683_eb9c3215-ae73-4101-a450-e6e77bf5514a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>कार्यकाल बढ़ाने के ख़िलाफ़ पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खोसा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच तीन दिनों से सुनवाई कर रही थी. कई लोगों को आशंका थी कि कहीं इमरान ख़ान के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट रद्द न कर दे. </p><p>इमरान ख़ान की सरकार भी पसोपेश में थी. सुनवाई के दौरान ही कैबिनेट की आपातकालीन बैठक हुई थी और क़ानून मंत्री का इस्तीफ़ा ले लिया गया था. क़ानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में इस्तीफ़े के बाद जनरल बाजवा के कार्यकाल बढ़ाए जाने के पक्ष में तर्क रखा.</p><p><a href="https://twitter.com/ImranKhanPTI/status/1200011189985697792">https://twitter.com/ImranKhanPTI/status/1200011189985697792</a></p><p>सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर इमरान ख़ान ने ट्वीट कर ख़ुशी जताई है. </p><p>उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”23 साल पहले हमारी पार्टी ने पहली बार स्वतंत्र न्यायपालिका और क़ानून के राज की वकालत की थी. 2007 में पीटीआई ने न्यायपालिका की स्वंतत्रता के लिए आंदोलन शुरू किया था और मैं इसके लिए जेल भी गया था. जस्टिस खोसा के प्रति मेरे मन में अपार आदर है. वो पाकिस्तान के बेहतरीन क़ानूनविद हैं.” </p><p>सत्ता में आने से पहले इमरान ख़ान सेना प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाए जाने के पक्षधर नहीं थे. उन्होंने कहा था कि किसी भी सेना प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाना सेना के नियमों को बदलने का काम है जो एक संस्था के रूप में सेना को कमज़ोर करता है.</p><p>इमरान का यह बयान 2010 में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सरकार में सेना प्रमुख रहे असफाक़ परवेज़ कयानी के कार्यकाल को बढ़ाए जाने के बाद आया था.</p><p>उस समय एक टेलीविज़न इंटरव्यू में इमरान ने कहा था, &quot;ऐतिहासिक रूप से चाहे युद्ध ही क्यों न चल रहा हो पश्चिम के देश अपने सेना प्रमुख का कार्यकाल नहीं बढ़ाते. संस्थाएं अपने नियम क़ायदे का अनुसरण करती हैं और जब एक व्यक्ति के लिए इसमें बदलाव किया जाता है तो संस्थाएं नष्ट हो जाती हैं, जैसा कि जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ने किया और सभी तानाशाह करते रहे हैं.&quot;</p><figure> <img alt="पाकिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/10C2C/production/_109925686_71de7114-f8da-4b44-b83c-cd47ba4a8c6d.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>इसके उलट जनरल राहील शरीफ़ ने आश्चर्यजनक रूप से रिटायर होने से 10 महीने पहले यह घोषणा कर दी थी कि वो कार्यकाल बढ़ाए जाने को स्वीकार नहीं करेंगे. हालांकि उन्हें ऐसा ऑफर तक नहीं किया गया था. इस पर इमरान ने 25 जनवरी 2016 को ट्वीट किया कि &quot;कार्यकाल के विस्तार को स्वीकार नहीं करने की घोषणा से जनरल राहील शरीफ़ का कद बढ़ा है.&quot;</p><p>पाकिस्तान बनने के बाद से सेना की मुल्क में अहम भूमिका रही है. यहां की सरकार में सेना की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भूमिका हमेशा से रही है. इमरान ख़ान ने ज़नरल क़मर जावेद बाजवा के कार्यकाल बढ़ाए जाने के समर्थन में कहा था कि सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए उनका रहना ज़रूरी है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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