11.5 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

रेशम कीट पालन दिलाएगा बेहतरीन करियर का मौका, इन पाठ्यक्रमों में लें दाखिला

नयी दिल्ली: कच्चा रेशम बनाने के लिये रेशम के कीटों का पालन रेशम उत्पादन (Sericulture) या ‘रेशमकीट पालन’ कहलाता है. विश्व में रेशम का प्रचलन सर्वप्रथम चीन में हुआ था. चीन प्राकृतिक रेशम उत्पादन में विश्व में पहले नम्बर पर है इसके बाद भारत का नंबर आता है. भारत में हर प्रजाति का रेशम पैदा […]

नयी दिल्ली: कच्चा रेशम बनाने के लिये रेशम के कीटों का पालन रेशम उत्पादन (Sericulture) या ‘रेशमकीट पालन’ कहलाता है. विश्व में रेशम का प्रचलन सर्वप्रथम चीन में हुआ था. चीन प्राकृतिक रेशम उत्पादन में विश्व में पहले नम्बर पर है इसके बाद भारत का नंबर आता है. भारत में हर प्रजाति का रेशम पैदा किया जाता है.

रेशम कीट अपनी प्यूपा अवस्था में शरीर के चारों ओर रेशमी धागा बनाकर अपने आप को धागे के बीच बंद कर लेता है जिसे कोया कहते हैं. इस प्रकार रेशम का धागा “कीट के कोया” से प्राप्त किया जाता है. रेशम का धागा प्रोटीन है जबकि कपास एवं जूट का सूत सेल्यूलोस का बना होता है.

सेरीकल्चर से संबंधित प्रमुख कोर्स

सर्टिफिकेट कोर्स इन सेरीकल्चर

बीएससी (सेरीकल्चर)

बीएससी सिल्क टेक्नोलॉजी (सेरीकल्चर)

एमएससी सेरीकल्चर

पीजी डिप्लोमा इन सेरीकल्चर (नॉन-मल्बेरी)

पीजी डिप्लोमा इन सेरीकल्चर (मल्बेरी)

डिप्लोमा इन सेरीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट

जरूरी शैक्षणिक योग्यता

सर्टिफिकेट कोर्स: 10वीं उत्तीर्ण करने के बाद सेरीकल्चर में एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स और दो वर्षीय इंटर वोकेशनल कोर्स उपलब्ध हैं.

बैचलर कोर्स: विज्ञान विषयों(बायोलॉजी जरूरी) के साथ 12वीं पास करके सेरीकल्चर के बैचलर कोर्स में प्रवेश लिया जा सकता है. इस कोर्स की अवधि 4 साल होती है.

मास्टर्स कोर्स: एग्रीकल्चर, सेरीकल्चर या एग्रीकल्चर से संबंधित विषयों में बैचलर डिग्री पूरी करने के बाद ही सेरीकल्चर के मास्टर्स कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है. इसके लिए प्रवेश परीक्षा देनी होती है.

कहां होगी नौकरी की संभावना

सेरीकल्चर में बैचलर या मास्टर्स कोर्स करने के बाद केंद्र या राज्यों के उद्योग विभाग में सेरीकल्चर डायरेक्टर का पद हासिल किया जा सकता है. सेरीकल्चर या सिल्क टेक्नोलॉजी में बीएससी या पीजी डिप्लोमा पास युवा सेरीकल्चर इंस्पेक्टर, रिसर्च ऑफिसर, असिस्टेंट डायरेक्टर (सेरीकल्चर) और प्रोजेक्ट मैनेजर (सेरीकल्चर) आदि पदों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं.

मास्टर्स कोर्स करने के बाद सरकारी शोध संस्थानों में रिसर्चर के रूप में काम करने का मौका मिलता है. निजी क्षेत्र में काम करने की इच्छा होने पर टेक्सटाइल कंपनियों (रेशम उत्पादों से संबंधित) या सेरीकल्चर फॉर्म से भी जुड़ा जा सकता है. शिक्षण कार्य में रुचि होने पर सेरीकल्चर में एमएससी के बाद किसी सेरीकल्चर इंस्टीटय़ूट में लेक्चरर के रूप में पढ़ाने का काम कर सकते हैं. इसके लिए यूजीसी नेट पास होना जरूरी है.

सामाजिक कार्यों से लगाव होने पर गैर-सरकारी संगठनों में भी बतौर विशेषज्ञ शामिल हुआ जा सकता है. किसानों की आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए देश के कई गैर-सरकारी संगठन उनके बीच रेशम उत्पादन की तकनीक और प्रक्रिया को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं.

कितना मिलता है वेतनमान

बैचलर कोर्स पूरा करने के बाद निजी क्षेत्र की कंपनियों में 18 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह तक का वेतन मिल जाता है. सरकारी क्षेत्र की कंपनियों में मासिक वेतन 30 हजार रुपये से ज्यादा होता है.

कहां से करें संबंधित कोर्स

  • सेंट्रल सेरीकल्चर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीटय़ूट, मैसूर
  • सेंट्रल सेरीकल्चर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीटय़ूट, बेरहामपुर
  • सैम हिग्नीबॉटम इंस्टीटय़ूट ऑफ एग्रीकल्चर,टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज
  • ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर
  • शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, जम्मू
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel