राष्ट्रीय महिला आयोग ने तृणमूल कांग्रेस सांसद तपस पाल के बलात्कार वाले बयान पर उन्हें संसद से निलंबित किए जाने की मांग की है. आयोग ने इस मामले में प्रधानमंत्री से भी इसमें हस्तक्षेप करने को कहा है.
समाचार एजेंसी एएफपी ने महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा के हवाले से कहा है कि तपस पाल को “त्यागपत्र देना चाहिए. ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बयान है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनके खिलाफ़ कारवाई करनी चाहिए, उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए.”
उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.
पार्टी ने बनाई दूरी
सीपीएम की पालित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा है कि लोकसभा अध्यक्ष को तपस पाल के बयान का संज्ञान लेना चाहिए और उन्हें लोकसभा से निलंबित किया जाना चाहिए.
तपस पाल ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था, "अगर माकपा के लोग हमारे कार्यकर्ताओं को धमकाते हैं या मारते हैं तो हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे."
इसके आगे का बयान विवादास्पद हुआ है जिसमें वह ये कहते सुनाई देते हैं कि ‘हम अपने लड़कों को भेजेंगे कि वे जाकर माकपा की महिला सदस्यों का रेप करें.’
टीएमसी सांसद ने बाद में कहा कि उन्होंने ‘रेप’ नहीं बल्कि ‘रेड’ शब्द का इस्तेमाल किया था.
पार्टी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि तपस पाल का बयान बहुत असंवेदनशील है और पार्टी उसका समर्थन नहीं करती है.
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