बात नहीं बनने पर अरूप हो सकते हैं उम्मीदवार
धनबाद : लोकसभा के छठे चुनाव 1977 से लगातार 16 वें चुनाव 2014 तक धनबाद संसदीय सीट से लड़ने वाली मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) इस साल चुनाव नहीं भी लड़ सकती है. ऐसा होगा ‘भाजपा हराओ, लोकतंत्र बचाओ’ के गठबंधन की राजनीति के तहत. अगर मासस गठबंधन में शामिल होती है तो धनबाद लोस सीट वह छोड़ सकती है.
लेकिन बदले में विधानसभा चुनाव में उसे कुछ सीटें चाहिए. भाजपा के खिलाफ झारखंड में बनने वाले महागठबंधन में बातचीत इसी दिशा में आगे बढ़ रही है. अगर किसी कारण बात नहीं बनी (जिसकी संभावना न के बराबर है) तो मासस के निरसा विधायक अरूप चटर्जी लोकसभा में पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं.मासस नेताओं की मानें तो भाजपा को हराने के लिए वे सम्मानजनक समझौते से पीछे नहीं हटेंगे.