बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को आयात मेले का शुभारंभ करते हुये कहा कि अगले 15 साल में चीन का वस्तु और सेवा आयात 40,000 अरब डॉलर के पार चला जायेगा. चीन ने शंघाई में आयात एक्सपो का आयोजन किया है, जिसमें भारत समेत 80 देश भाग ले रहे हैं. वाणिज्य सचिव अनूप वाधवा के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल पहली बार चीन अंतरराष्ट्रीय आयात एक्सपो में भाग ले रहा है.
प्रदर्शनी में कुल 81 देश भाग ले रहे हैं और चीन के आयात बाजार में पहुंच हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं. दुनिया के शीर्ष निर्यातक चीन की अब प्रमुख आयात बनने की योजना है. चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, शी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि चीन का वस्तु एवं सेवा आयात अगले 15 साल में बढ़कर क्रमश: 30,000 अरब डॉलर और 10,000 अरब डालर के पार होने का अनुमान है.
भारतीय दूतावास में महावाणिज्य दूत प्रशांत लोखंडे ने कहा, ‘भारत ने प्रदर्शनी में अपना मंडप लगाया है, जिसमें कृषि उत्पादों, दवा, सूचना प्रौद्योगिकी और पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में खरीदारों का ध्यान आकर्षित किया जायेगा.’ एक्सपो के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लेने वालों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी रहे हैं. राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि चीन के बाजार तक पहुंच को आसान बनाने के लिए अप्रैल में घोषित उपायों को लागू किया गया है.
चीन ने विदेशी निवेश के लिए नकारात्मक चीजों को सरल बनाने, निवेश की सीमा को कम करने और मुक्त निवेश को लेकर कदम उठाये हैं. शी ने कहा, ‘चीन वित्तीय क्षेत्र को खोलने, सेवा क्षेत्र, कृषि, खनन, विनिर्माण क्षेत्र में पहुंच आसान करने के लिए कई कदम उठा रहा है. इसके अलावा दूरसंचार, शिक्षा, चिकित्सा उपकरण और सांस्कृतिक समेत अन्य क्षेत्रों को खोलने की प्रक्रिया में तेजी लायी गयी है.’ उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था वास्तव में बेहतर प्रदर्शन कर रही है और हमें विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये मजबूत आधार दिया है.