बीजिंग : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी पहली चीन यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचे. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत के बाद समझा जाता है कि चीन पाकिस्तान को छह अरब डाॅॅलर की सहायता उपलब्ध कराने पर सहमत हो गया है.
पाकिस्तान इस समय विदेशी मुद्रा की भारी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से उसे राहत पैकेज देने के लिए कड़ी शर्तें रखी गयी हैं. पाकिस्तान चाहता है कि मित्र देश उसकी मदद करें ताकि उसे आईएमएफ से कम से कम सहायता लेनी पड़े. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, खान अपनी चार दिन की पहली यात्रा पर शुक्रवार की सुबह यहां पहुंचे. चीन के ‘ग्रेट हॉल आॅफ पीपुल’ में खान की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हुई. दोनों नेताओं के बीच अकेले में और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई. जियो टीवी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि पाकिस्तान को चीन से छह अरब डाॅलर का आर्थिक पैकेज मिलने की उम्मीद है. इसके साथ डेढ़ अरब डालर के ऋण की पेशकश और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के लिए तीन अरब डॉलर का अतिरिक्त पैकेज दिया जायेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्ज और निवेश दोनों छह अरब डाॅलर के पैकेज का हिस्सा होंगे. हालांकि, इस रिपोर्ट को लेकर चीन की ओर से आधिकारिक तौर पर अभी तक कुछ नहीं कहा गया है. खान ने शी से कहा, पाकिस्तान सरकार के समक्ष बहुत कठिन आर्थिक स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से हमारा देश इस समय दो बड़े घाटे के साथ काफी कमजोर स्थिति से गुजर रहा है. पाकिस्तान को राजकोषीय घाटा और चालू खाते के घाटे का सामना करना पड़ रहा है. शी ने खान को आश्वासन देते हुए कहा कि चीन पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते को राजनयिक रूप से प्राथमिकता देता है. शी ने कहा, चीन हमेशा से ही पाकिस्तान को अपनी राजनयिक प्राथमिकता में मानता है और पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, राष्ट्रीय स्वतंत्रता की सुरक्षा का समर्थन करता है. पाकिस्तान की नयी सरकार द्वारा सामान्य ढंग से राजकाज चलाने और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों का भी समर्थन करता है.
खान पांच नवंबर को शंघाई में आयोजित चीन के अंतरराष्ट्रीय आयात एक्सपो में भी जायेंगे. पाकिस्तानी मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री खान के साथ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, वित्त मंत्री असद उमर, वाणिज्य एवं व्यापार मामलों के सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाऊद, रेल मंत्री शेख रशीद और अन्य भी यात्रा पर आये हैं. खान की यात्रा ने यहां काफी दिलचस्पी पैदा की है, क्योंकि यह ऐसे समय हो रही है जब वह अतीत में 50 अरब डॉलर की लागतवाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना की आलोचना कर चुके हैं और उनके कई मंत्री कर्ज को लेकर चिंता की वजह से परियोजना में कुछ कटौती की बात कह चुके हैं. खान इससे पहले पिछले महीने सऊदी अरब की यात्रा पर गये थे. रियाद से भी उन्हें छह अरब डालर की सहायता का भरोसा मिला है. इसमें तीन अरब डाॅलर की सहायता तेल आयात का बाद में भुगतान करने की मदद भी शामिल है.