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सोशलः हिमा की अंग्रेज़ी पर एएफ़आई को मांगनी पड़ी माफ़ी

<p>भारत में खेल की दुनिया में एक नए सितारे का उदय हुआ है. हिमा दास नाम के इस सितारे ने गुरुवार देर रात फ़िनलैंड में ट्रैक पर अपनी चमक बिखेरी.</p><p>18 साल की हिमा ने फ़िनलैंड के टैम्पेयर शहर में आयोजित आईएएएफ़ विश्व अंडर 20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता.</p><p>हिमा […]

<p>भारत में खेल की दुनिया में एक नए सितारे का उदय हुआ है. हिमा दास नाम के इस सितारे ने गुरुवार देर रात फ़िनलैंड में ट्रैक पर अपनी चमक बिखेरी.</p><p>18 साल की हिमा ने फ़िनलैंड के टैम्पेयर शहर में आयोजित आईएएएफ़ विश्व अंडर 20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता.</p><p>हिमा विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की ट्रैक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं. हिमा की इस जीत पर दुनियाभर से उन्हें बधाइयां मिल रही हैं.</p><p>प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति और नेता-अभिनेता सभी ने ट्विटर के ज़रिए हिमा तक अपनी बधाइयां पहुंचाई हैं.</p><p>लेकिन भारतीय एथलेटिक्स फ़ेडरेशन (एएफ़आई) को हिमा से जुड़े अपने एक ट्वीट पर माफ़ी मांगनी पड़ी है. </p><p>दरअसल एएफ़आई ने 12 जुलाई को हिमा का एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वे सेमीफ़ाइनल की अपनी जीत के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रही थीं, क्योंकि यह चैंपियनशिप फ़िनलैंड में आयोजित थी तो सवाल भी अंग्रेजी में पूछे जा रहे थे. हिमा उन सवालों के जवाब भी दे रही थीं.</p><p>एएफ़आई ने इस वीडियो के साथ लिखा, ”हिमा अपनी सेमीफ़ाइनल में जीत के बाद जब मीडिया से मुख़ातिब हुई तो बहुत अच्छी अंग्रेजी ना जानने के बावजूद उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की. हिमा हमें आप पर बहुत गर्व है, यूं ही बेहतर करती रहिए.” </p><p><a href="https://twitter.com/afiindia/status/1017247103578460160">https://twitter.com/afiindia/status/1017247103578460160</a></p><p>इसके आगे एएफ़आई ने हिमा को फ़ाइनल के लिए शुभकामनाएं भी दीं. ख़ैर, हिमा ने फ़ाइनल में तो अपना दमखम दिखाते हुए स्वर्ण पदक जीत लिया लेकिन एएफ़आई का यह ट्वीट कई लोगों को नागवार गुज़रा.</p><p>लोगों ने अपनी-अपनी तरह से एएफ़आई के इस ट्वीट की आलोचना करना शुरू कर दिया.</p><p>रोहित राम ने एएफ़आई के ट्वीट पर लिखा, ”वह (हिमा दास) टैम्पेयर में ट्रैक पर अपना टैलेंट दिखाने गई हैं ना कि अंग्रेजी में. एएफ़आई आपने जो कहा है उस पर आपको शर्म आनी चाहिए.”</p><p>इसके जवाब में एएफ़आई ने रोहित को जवाब देते हुए लिखा कि उन्हें एक बार फिर ट्वीट पढ़ना चाहिए, उसका मतलब समझना चाहिए और इस तरह ट्रोलिंग करना बंद करना चाहिए.</p><p>एएफ़आई ने एक और जवाब में लिखा, ”वह बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से आती हैं और हिंदी भी बहुत अच्छी तरह नहीं बोल पाती. वह जिस तरह से पत्रकारों के सवालों का सामना कर रही हैं और अंग्रेजी बोलने की कोशिश कर रही हैं, हम इसकी तारीफ़ करते हैं. उम्मीद है अब आपको हमारा ट्वीट समझ आ गया होगा.”</p><p>मनु अरोड़ा ने लिखा, ”आख़िर आपको यह बताने की ज़रूरत ही क्यों है कि उनकी अंग्रेजी इतनी अच्छी नहीं है.”</p><p>हरि एस वी ने तो एएफ़आई के ही ट्वीट में अंग्रेजी की ग़लती निकालते हुए लिखा, ”जब आप उनकी अंग्रजी का ज़िक्र कर रहे हैं तो खुद क्यों SPEAKING की जगह SPEKING लिख रहे हैं?”</p><p>पूर्व बीजेपी सांसद तरुण विजय ने भी इस संबंध में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ”हिमा दास ने बहुत ही अच्छा जवाब दिया, वे हमारी हीरो हैं. लेकिन हम यह उम्मीद क्यों करें कि वे अंग्रेजी बोलने में भी अच्छी हों? क्या एएफ़आई असमी में बोल सकते हैं या वे किसी भी दूसरी भारतीय भाषा में बहुत अच्छे हैं? दुनिया के कितने चैंपियन खिलाड़ी अंग्रेजी में बहुत अच्छे हैं? आप गुलामी वाली मानसिकता से ग्रसित हैं.”</p><p>हिमा की अंग्रेजी पर हुए इस ट्वीट पर ट्रोल होने के बाद एएफ़आई ने अपनी ग़लती मानते हुए दोबारा ट्वीट किए. उन्होंने सभी भारतवासियों से माफी मांगी और अपने ट्वीट का उद्देश्य भी समझाया.</p><p><a href="https://twitter.com/afiindia/status/1017696841977225216">https://twitter.com/afiindia/status/1017696841977225216</a></p><p>इतना ही नहीं एएफ़आई ने यह भी लिखा कि वे अपने पहले वाले ट्वीट को डिलीट नहीं करेंगे क्योंकि वह हिमा के फ़ाइनल से पहले का वीडियो है और वह बहुत अच्छा है.</p><p><a href="https://twitter.com/afiindia/status/1017697270916112384">https://twitter.com/afiindia/status/1017697270916112384</a></p><p>हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि इस बार एएफ़आई ने अपने माफ़ीनामा वाले ट्वीट हिंदी भाषा में किए. उनकी माफ़ी का असर लोगों पर भी दिखा और कई लोगों ने जवाबी ट्वीट में लिखा कि उन्हें एएफ़आई पर भी गर्व है. </p><p>कंचन ने एएफ़आई को लिखा कि आपके लिखने तरीके ने अर्थ का अनर्थ कर दिया था लेकिन आपने भूल सुधार का सार्थक प्रयास किया है.</p><p>असम के नौगांव ज़िले से आने वाली हिमा एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती है. उनके पिता खेती करती हैं. </p><p>हिमा के कोच निपुण दास ने बीबीसी को बताया कि जब उन्होंने हिमा के परिवार से उन्हें एथलीट बनाने के लिए गुवाहाटी भेजने की बात की तो उनके परिवार ने अपनी आर्थिक मजबूरी का ज़िक्र किया, तब निपुण दास ने अपने खर्चे पर हिमा को गुवाहाटी में ट्रेनिंग दी.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/sport-44815715">कौन हैं भारत की नई ‘उड़न परी’ हिमा दास</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india/2015/09/150915_insha_vadoo_athlete_runner_sr">कश्मीर की पीटी उषा: दौड़ती है रोज़ 10 किलोमीटर</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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