वाशिंगटन : अमेरिका ने मंगलवारको ज्यादा जोखिमवाले 11 देशों के शरणार्थियों पर से प्रतिबंध हटाने की घोषणा की, लेकिन कहा कि अमेरिका में प्रवेश के इच्छुक शरणार्थियों को पहले की अपेक्षा अधिक कड़ी जांच से गुजरना होगा. इन 11 देशों के शरणार्थियों के नाम नहीं बताये गये हैं, लेकिन समझा जाता है कि उत्तर कोरिया और 10 मुस्लिम बहुल देशों के शरणार्थियों को कड़ी जांच का सामना करना होगा.
घरेलू सुरक्षा मंत्री क्रिस्टजेन नील्सन ने बताया, यह बेहद जरूरी है कि हमें यह पता हो कि कौन अमेरिका में प्रवेश कर रहा है. उन्होंने कहा, इन अतिरिक्त सुरक्षा उपायों के चलते गलत लोगों के लिए हमारे शरणार्थी कार्यक्रम का लाभ उठाना मुश्किल होगा. सुरक्षा उपाय यह सुनिश्चित करेंगे कि हम देश के लिए अधिक सतर्क दृष्टिकोण अपनायें. इन 11 देशों पर ट्रंप प्रशासन ने अक्तूबर में शरणार्थी नीति की समीक्षा के बाद प्रतिबंध लगाया था. हालांकि, इनकी आधिकारिक रूप से पहचान नहीं बतायी गयी थी.
हालांकि, शरणार्थी समूहों का कहना है कि इन देशों में मिस्र, ईरान, इराक, लीबिया, माली, उत्तर कोरिया, सोमालिया, दक्षिणी सूडान, सूडान, सीरिया और यमन शामिल हैं. नाम नहीं जारी करने की शर्त पर एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि 11 देशों के लिए उच्च सुरक्षा जांच की नीति मुस्लिमों को लक्ष्य कर नहीं बनायी गयी थी. अधिकारी ने बताया, हमारे प्रशासन का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. सभी देशों के आव्रजकों और शरणार्थियों को लेकर राष्ट्रपति बनने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप का रुख सख्त रहा है. उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा ने वित्त वर्ष 2017 में शरणार्थियों की आमद की सीमा एक लाख 10 हजार तय की थी. जब ट्रंप ने एक साल पहले कार्यभार संभाला, तो उन्होंने इस संख्या को घटाकर 53,000 कर दिया और बाद में वर्ष 2018 के लिए इसे एक बार फिर घटाकर 45,000 कर दिया.