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Easy Vastu Tips: अच्छी नींद और शांति के लिए बेडरूम में अपनाएं ये वास्तु नियम

Easy Vastu Tips: अच्छी नींद और शांति के लिए शयनकक्ष में बिस्तर का स्थान और सोने की दिशा बहुत महत्वपूर्ण होती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिस्तर को हमेशा दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए. इससे स्थिरता और भरोसे में वृद्धि होती है, जिससे दंपति के रिश्तों में तालमेल बना रहता है.

Easy Vastu Tips: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अच्छी नींद और मानसिक शांति पाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। रात को सुकून से न सो पाने के कारण दिनभर थकान और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आपके सोने का कमरा ही आपकी नींद और शांति का सबसे बड़ा कारण हो सकता है? वास्तु शास्त्र, जो सदियों पुराना विज्ञान है, बेडरूम से जुड़े कुछ ऐसे नियम बताता है जिन्हें अपनाकर आप न केवल गहरी और आरामदायक नींद पा सकते हैं, बल्कि अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति भी ला सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ खास वास्तु नियमों के बारे में, जो आपके बेडरूम को शांति का स्वर्ग बना देंगे और आपको हर रात सुकून भरी नींद दिलाएंगे।

अच्छी नींद के लिए सही दिशा और स्थान

अच्छी नींद और शांति के लिए शयनकक्ष में बिस्तर का स्थान और सोने की दिशा बहुत महत्वपूर्ण होती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिस्तर को हमेशा दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए. इससे स्थिरता और भरोसे में वृद्धि होती है, जिससे दंपति के रिश्तों में तालमेल बना रहता है. सोते समय सिर हमेशा दक्षिण दिशा में होना सबसे उत्तम माना गया है. कुछ विशेषज्ञ पश्चिम दिशा को भी सिर करके सोने के लिए अच्छा मानते हैं, जबकि पूर्व दिशा को भी ज्ञान और सकारात्मकता के लिए उपयुक्त माना गया है. बच्चों को पूर्व या दक्षिण दिशा में सिर करके सोना चाहिए, जिससे उन्हें शांत रहने और मन की शांति पाने में मदद मिलती है. उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे तनाव, अनिद्रा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

बिस्तर को किसी मजबूत दीवार से सटाकर रखना चाहिए और इसे खिड़की के नीचे या कमरे के मुख्य दरवाजे के सामने रखने से बचना चाहिए. बिस्तर के नीचे किसी भी तरह का सामान, खासकर बेकार की चीजें या कबाड़ नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे वास्तु दोष होता है और नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है, जिससे नींद में खलल पड़ता है. बेड का आकार आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए, गोल बेड रखने से बचना चाहिए. पलंग में बेड बॉक्स न हो तो ज्यादा अच्छा होगा.

शयनकक्ष का रंग और वातावरण

शयनकक्ष के लिए सही रंगों का चयन भी बहुत महत्वपूर्ण है. हल्के रंग, जैसे गुलाबी, हल्का नीला, हल्का हरा, ग्रे, भूरा और सफेद, सकारात्मक ऊर्जा और शांति को बढ़ावा देते हैं. नीला रंग शांति और स्थिरता का प्रतीक है, जो अच्छी नींद के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. हरा रंग राहत और उपचार को दर्शाता है. भूरा रंग निर्भरता और सुरक्षा को दर्शाता है, खासकर दक्षिण-पश्चिम दिशा के बेडरूम के लिए यह उत्तम है. गहरे रंगों, जैसे काला, गहरा लाल, गहरा हरा और गहरा बैंगनी, से बचना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं.

बेडशीट का रंग भी हल्का होना चाहिए, जिससे मन शांत रहता है. बेडशीट पर एक साथ कई डिजाइन नहीं होने चाहिए. कपल्स के लिए हल्के गुलाबी, आड़ू या हल्के लाल डिजाइन वाली चादरें शुभ होती हैं. घर में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी का आना जरूरी है. आरामदायक माहौल बनाने के लिए हल्की रोशनी का प्रयोग करें और बहुत तेज रोशनी से बचें. बेडरूम में सुगंधित फूल या अगरबत्ती रखने से सकारात्मक ऊर्जा आती है. चमेली या लैवेंडर जैसी ताजा सुगंध का उपयोग कर सकते हैं. रात को सोते समय धीमी आवाज में म्यूजिकल हीलिंग साउंड सुनना भी अच्छी नींद लाने में सहायक होता है.

बेडरूम में क्या रखें और क्या न रखें

  • इलेक्ट्रॉनिक सामान: बेडरूम में इलेक्ट्रॉनिक सामान, जैसे टीवी, फ्रिज, या फोन रखने से बचना चाहिए, क्योंकि ये नींद में खलल डाल सकते हैं और स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक हो सकते हैं. यदि टीवी रखना आवश्यक हो, तो उसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें, बिस्तर के सामने नहीं. सोने से पहले इन्हें बंद कर देना चाहिए.
  • दर्पण: बेडरूम में दर्पण लगाते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. दर्पण को उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना आदर्श माना जाता है. सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि सोते समय बिस्तर दर्पण में दिखाई नहीं देना चाहिए. यदि दर्पण फिक्स है और उसे हटाया नहीं जा सकता, तो रात को सोते समय उसे कपड़े से ढक देना चाहिए. दो दर्पण एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं होने चाहिए, क्योंकि यह खराब ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है. टूटे हुए दर्पण का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह वास्तु दोष बढ़ा सकता है.
  • तस्वीरें और सजावट: बेडरूम में शानदार, खूबसूरत पेंटिंग या दीवार पर लगाना फायदेमंद माना जाता है. युद्ध या संघर्ष दर्शाने वाली पेंटिंग या मूर्तियों से बचना चाहिए, क्योंकि इससे घर-परिवार में कलह-क्लेश हो सकता है. उदास चेहरे वाली तस्वीर भी नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है, इसलिए इसे नहीं लगाना चाहिए. मृत व्यक्ति या पूर्वजों की तस्वीरें बेडरूम में नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि इससे मानसिक स्थिति बिगड़ सकती है और नकारात्मकता बढ़ सकती है. दंपति के बीच प्यार और सामंजस्य बढ़ाने के लिए राधा-कृष्ण या हंसों के जोड़े का चित्र लगा सकते हैं. हिमालय, शंख या बांसुरी के चित्र भी लगाए जा सकते हैं, लेकिन पानी से संबंधित चित्र नहीं लगाने चाहिए. क्रिस्टल सारस क्रेन की एक जोड़ी रखना भी वैवाहिक निष्ठा और रिश्तों को मजबूत करने में सहायक होता है.
  • पौधे और फूल: बेडरूम में ताजे फूल और पौधे सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं. मनी प्लांट जैसे इनडोर पौधे भी लगाए जा सकते हैं, जो शांतिपूर्ण वातावरण बनाते हैं. हालांकि, कांटेदार या नुकीले पौधे और मुरझाए हुए या कृत्रिम फूल नहीं रखने चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं.
  • अन्य वस्तुएं: बेडरूम में बंद या खराब घड़ी नहीं रखनी चाहिए. झाड़ू और डस्टबिन को बेडरूम में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे धन हानि हो सकती है और नकारात्मक ऊर्जा फैलती है. धारदार या नुकीली चीजें, जैसे चाकू या तलवार, बेडरूम में नहीं रखनी चाहिए. धार्मिक पुस्तकें और देवी-देवताओं की मूर्तियां या तस्वीरें भी बेडरूम में नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि यह आराम करने की जगह होती है और इससे मानसिक तनाव हो सकता है. बिस्तर के तकिए के आसपास पानी की बोतल रखकर नहीं सोना चाहिए, क्योंकि इससे राहु और चंद्रमा का मिलन हो जाता है. खराब बिस्तर, तकिया, परदे, चादर, रजाई आदि भी नहीं रखने चाहिए.

अन्य महत्वपूर्ण वास्तु नियम

  • शयनकक्ष की लोकेशन घर के दक्षिण या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए. दक्षिण-पश्चिम कोण मास्टर बेडरूम के लिए सबसे अच्छा होता है. उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में बेडरूम बनाने से बचना चाहिए.
  • बेडरूम का प्रवेश द्वार दीवार के उत्तर, पश्चिम या पूर्व दिशा में होना चाहिए. सिंगल दरवाजों वाला बेडरूम बेहतर होता है.
  • अलमारी को बेडरूम के दक्षिण या पश्चिम दीवार पर रखना चाहिए. अलमारी के दरवाजे का मुंह कभी भी टॉयलेट की दीवार या सीट की ओर नहीं होना चाहिए. अलमारी के रंग हल्के होने चाहिए और गहरे रंगों से बचना चाहिए.
  • अटैच टॉयलेट का दरवाजा इस्तेमाल में न होने पर बंद रखना चाहिए.
  • यदि बेडरूम में स्टडी डेस्क या वर्कस्टेशन है, तो इसे इस तरह रखें कि बैठने वाला व्यक्ति उत्तर या पूर्व की ओर मुख करे. बिस्तर पर बैठकर काम करने से बचें.
  • घर में रोजाना सफाई करनी चाहिए और प्राकृतिक इत्र या अगरबत्ती का प्रयोग करना चाहिए, जिससे वातावरण शुद्ध रहता है और मानसिक शांति मिलती है.
Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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