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प्रधान सचिव मामला: ममता सरकार और राजभवन के बीच नहीं थम रही तकरार, सामने आया दिल्ली पूर्व पुलिस कमिश्नर समीकरण

प्रधान सचिव नंदिनी चक्रवर्ती ट्रांसफर मामले में ममता सरकार और राजभवन के बीच तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है. इस केस में अब दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना का समीकरण सामने आ रहा है.

कोलकाता. प्रधान सचिव के पद से नंदिनी चक्रवर्ती को राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा हटाये जाने की खबरों के बाद अब दिल्ली के पूर्व सीपी राकेश अस्थाना से संबंधित मामला सामने आ रहा है. पूर्व राज्यपाल और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से राज्यपाल की मुलाकात के बाद इन अटकलों को बढ़ावा मिला है. उल्लेखनीय है कि राज्यपाल बनाये जाने के बाद से सीवी आनंद बोस और राज्य सरकार के बीच रिश्ते अब तक मधुर रहे हैं. हालांकि प्रधान सचिव पद से नंदिनी चक्रवर्ती को हटाये जाने और ममता बनर्जी द्वारा यह टिप्पणी किये जाने कि फिलहाल नंदिनी ही प्रधान सचिव रहेंगी, बात बिगड़ती दिखायी दे रही है.

पूर्व दिल्ली कमिश्नर का समीकरण आया सामने

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल, राकेश अस्थाना को अपना सलाहकार नियुक्त करना चाहते थे, लेकिन नंदिनी चक्रवर्ती ने राकेश अस्थाना को सलाहकार नियुक्त करने संबंधी फाइल को रोक दिया और यहीं से विवाद की शुरुआत हुई. सूत्रों के मुताबिक, उसके बाद राज्यपाल बोस ने राज्य के मुख्य सचिव को व्हाट्सएप संदेश भेजा. उन्होंने तुरंत एक संदेश भेजा कि वह अब नंदिनी चक्रवर्ती को अपने प्रमुख सचिव के रूप में नहीं चाहते हैं. राजभवन पहले ही नंदिनी चक्रवर्ती को राज्यपाल के प्रधान सचिव के पद से निलंबित कर चुका है. हालांकि, सूत्रों का दावा है कि राज्य सचिवालय नबान्न ने अभी तक नंदिनी चक्रवर्ती को हटाने के आदेश पर हस्ताक्षर नहीं किया है.

राज्यपाल इन्हें बनाना चाहते हैं सलाहकार

सूत्रों का दावा है कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस तमिलनाडु प्रशासन में कार्यरत वरिष्ठ नौकरशाह शीला सुब्रमण्यम और राकेश अस्थाना को अपने सलाहकार के रूप में राज्य में लाना चाहते हैं. यह भी जानकारी मिली है कि राजभवन में उनके लिए अलग कार्यालय भवन है और जब संबंधित फाइल नंदिनी चक्रवर्ती के पास गयी, तो नंदिनी चक्रवर्ती ने उसे रोक दिया. सूत्रों का दावा है कि इसी मुद्दे को लेकर नंदिनी चक्रवर्ती के राज्यपाल से संबंध बिगड़ गये.

राज्यपाल और प्रधान सचिव में विवाद के बीच तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘क्या भाजपा के राज्यपाल तृणमूल के नेतृत्व वाली सरकार को गुलाब देंगे?’ उन्होंने दावा किया कि जगदीप धनखड़ को भेजने वालों ने सीवी आनंद बोस को भी भेजा था. हालांकि शुरू से ही राज्यपाल की तारीफों में मुखर रही तृणमूल कांग्रेस, कड़ी टिप्पणी करने से कतरा रही है. हालांकि तृणमूल प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर राज्यपाल अपना रुख बदलते हैं, तो तृणमूल भी वैसा ही करेगी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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