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Jharkhand Crime News: हजारीबाग के चौपारण में अफीम तस्करों का बढ़ा मन, जब्त JCB को लेकर हुआ फरार

हजारीबाग के चौपारण क्षेत्र के जंगलों में अफीम तस्करी का खेल जारी है. हर बार छापामारी होती है. इसके बावजूद तस्करों का मनोबल बढ़ा रहता है. हाल ही में अफीम तस्करी के लिए खेतों में उपयोग करने के लिए लाये JCB को वन विभाग ने जब्त किया, लेकिन तस्करों ने इसे छुड़ा कर फरार हो गया.

Jharkhand Crime News: हजारीबाग जिला अंतर्गत चौपारण के सघन जंगलों से घिरे क्षेत्र का अफीम तस्कर बखूब लाभ उठा रहे हैं. इन तस्करों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वन कर्मियों द्वारा जब्त JCB को भी सरेआम लेकर फरार हो गया.

उग्रवाद प्रभावित जंगली इलाकों में अफीम की खेती

झारखंड-बिहार सीमा पर बसा अति उग्रवाद प्रभावित जंगली इलाकों में मादक पदार्थ अफीम की खेती की तैयारी जोर-शोर से है. दरअसल, अफीम की खेती के लिए जमीन को जुलाई -अगस्त महीने में तैयार कर लगाया जाता है. यहां के जंगलों में हजारों एकड़ के वन भूमि का इस्तेमाल मादक पदार्थों की तस्करी के लिए किया जा रहा है. इस साल भी इसकी शुरुआत हुई थी.

23 अगस्त को अफीम की खेती का खुलासा

इसका खुलासा गत 23 अगस्त को उस समय हुआ जब अति उग्रवाद प्रभावित तथा घने जंगल में बसे ढोढिया के गौतम बुद्ध वन्य प्राणी आश्रयणी जंगल का लगभग 8 एकड़ जमीन को अफीम की खेती के लिए उपयोग किया जा रहा था. तस्करों ने इसके लिए चतरा जिला से जेसीबी मशीन मंगाकर खेतों की खुदाई भी की थी. इसकी भनक गौतम बुद्ध वन्य प्राणी आश्रयणी के वन कर्मियों लग गयी. सूचना के सत्यापन को लेकर वनपाल मो अयूब, वनरक्षी राजेंद्र राम तथा अभिषेक कुमार उक्त जंगल में पहुंचे. वन कर्मियों को देखकर तस्कर सामने आ गये. वन कर्मियों ने जेसीबी को रोका ही था कि तस्कर एवं ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हुई और वन कर्मियों के कब्जे में आये जेसीबी को लेकर फरार हो गये.

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पिछले साल भी हजारीबाग और चतरा जिला की ओर से चली थी संयुक्त छापामारी

बता दें कि पिछले साल हजारीबाग और चतरा जिले द्वारा संयुक्त छापेमारी में चौपारण के जंगलों से भारी मात्रा में अफीम की खेती को नष्ट किया गया था. बताया जाता है कि अफीम तस्कर कई ग्रामीणों को भी रुपये का प्रलोभन देकर अपने पक्ष में कर लेते हैं. यही कारण है कि पुलिस के पहुंचने पर आसपास के ग्रामीण काफी संख्या में विरोध करने वहां पहुंच जाते हैं.

पहले भी वनकर्मी और तस्करों के बीच हो चुकी है नोकझोंक

इस संबंध में वनपाल मो अयूब ने बताया कि अधिकारियों को इसकी सूचना दी गयी है. जल्द ही इस कार्य में लिप्त सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वनपाल ने बताया कि थाना में भी मामला दर्ज किया जाएगा. इस जंगल में इसके पूर्व भी वनकर्मी एवं तस्करों के बीच नोकझोंक हो चुकी है. यह जंगल अफीम की खेती का लिए तस्करों के लिए सबसे उपयुक्त है. यहां चतरा, हजारीबाग एवं बिहार के गया जिला से लोग आकर अफीम की खेती करते हैं.

Posted By: Samir Ranjan.

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