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आमिर खान की 3 Idiots का बनेगा सीक्वल, ये 5 वजह बनाती है राजकुमार हिरानी की फिल्म को खास, यहां जानिए

बॉलीवुड एक्टर आमिर खान, आर माधवन, शरमन जोशी की 3 इडियट्स सुपरहिट फिल्म थी. राजकुमार हिरानी की फिल्म कई वजहों से खास है. चलिए आपको बताते है फिल्म से एक इंसान क्या सीख सकता है.

3 Idiots: राजकुमार हिरानी की 3 इडियट्स उन फिल्मों में से एक है जिसे दर्शक शायद ही भूल पाएंगे. तीन दोस्तों के जीवन पर बनी ये फिल्म साल 2009 में रिलीज हुई थी. आमिर खान, करीना कपूर, आर माधवन, शरमन जोशी, बोमन ईरानी ने अपने शानदार प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया था. इस बीच खबर है कि 3 इडियट्स का सीक्वल आएगा. ऐसे में आपको आज हम बताते है 3 इडियट्स की वो खास बातें, जो इसे स्पेशल बनाती है.

कभी भी हार नहीं माननी चाहिए

3 इडियट्स इंजीनियरिंग छात्रों के रूप में आमिर खान, माधवन और शरमन जोशी की कहानी को बताती है. मूवी दर्शकों को एंटरटेन करने के साथ-साथ सीख भी देती है. मूवी में जॉय ने आत्महत्या कर लिया था क्योंकि उसे नकारा फील कराया गया. वो प्रिंसिपल द्वारा निष्कासित करने पर काफी निराश हो गया और उसने सुसाइड कर लिया. वहीं, राजू ने भी आत्महत्या का प्रयास किया था. हालांकि राजू बच जाता है. फिल्म ये सीख देती है कि एक छोटी सी असफलता के बाद कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और हर चुनौतियों का डटकर मुकाबला करना चाहिए.

जो पसन्द हो उसी की पढ़ाई करें

फरहान एक वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर बनना चाहता था, लेकिन उसके पिता चाहते थे वो एक इंजीनियर बने. वो सिर्फ अपने पिता की इच्छा की वजह से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. रैंचो ने उसे अपने पैशन को ही प्रोफेशन बनाने की सलाह दी. इसलिए आपको अपना जुनून ढूंढना चाहिए और उसे पूरा करने के पीछे लग जाना चाहिए.

आज में जीना सीखें

राजू अपने फ्यूचर को लेकर हमेशा डरा और घबराया रहता था. रैंचो उसे हमेशा आज में जीना सीखाता था. साथ ही उसे खुद पर भरोसा और विश्वास करने के लिए कहता था. कोई भी काम तब तक सफल नहीं होता जब तक आपको खुद पर भरोसा न हो.

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किताबी कीड़ा ना बनें

3 इडियट्स मूवी में चतुर एक किताबी कीड़ा था. उसे अगर जो बात समझ नहीं आती थी, तो वो उसे रट लेता था. चतुर उन बातों का मतलब समझने की कोशिश भी नहीं करता था. वहीं, रैंचो में हर वक्त कुछ नया सीखने और जानने का जुनून रहता था. वो रटने से ज्यादा समझने में यकीन रखता था.

सही ज्ञान प्राप्त करें

3 इडियट्स फिल्म हमें सिखाती है कि एक सर्टिफिकेट कुछ नहीं, बस एक कागज का टुकड़ा है. वास्तविक शिक्षा ज्ञान प्राप्त करना है. फिल्म में आपने देखा होगा कि रैंचो अपने सारे सर्टिफिकेट किसी और को दे देता है और खुद अपने नॉलेज से दूसरों को ज्ञान देता है.

Divya Keshri
Divya Keshri
मैं दिव्या केशरी पिछले चार साल से अधिक समय से प्रभातखबर.कॉम में फिल्म, टीवी और ओटीटी इंडस्ट्री से जुड़ी बड़ी खबरों पर काम कर रही हूं. मेरा फोकस ट्रेंडिंग अपडेट्स, फिल्म रिव्यू, ट्रेलर एनालिसिस, बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट पर रहता है. मेरी कोशिश रहती है कि जटिल खबरों को भी आसान और दिलचस्प अंदाज में पेश करूं, ताकि हर पाठक उसे न सिर्फ समझ सके बल्कि उससे जुड़ भी सके.

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