टेक दुनिया का माहौल बदल चुका है. कॉलिन्स डिक्शनरी (Collins Dictionary) ने वाइब कोडिंग (Vibe Coding) को 2025 का वर्ड ऑफ द ईयर (Word of the Year) घोषित किया है. यह वही शब्द है जिसने कुछ महीने पहले तक इंजीनियरों के दिलों की धड़कनें बढ़ा दी थीं. अब यही नया ट्रेंड बन चुका है- कोडिंग नहीं, बल्कि AI से बात करके सॉफ्टवेयर बनवाना.
अब कोड नहीं, बस vibe से बनेगा Software
Vibe Coding का मतलब है- App या Website बनाने के लिए कोड टाइप नहीं, बल्कि AI से चैट में कहना: मुझे एक Meal Planner बना दो या Fitness Tracker तैयार करो, और AI खुद कोड जेनरेट कर देता है. OpenAI के को-फाउंडर Andrej Karpathy ने इस शब्द को गढ़ा था, जब उन्होंने कहा- Code को भूल जाओ, बस vibe से काम लो.
बड़ी कंपनियों में बढ़ा AI का इस्तेमाल
अब हालात ऐसे हैं कि Microsoft अपने 30% कोड AI से लिखवा रहा है. Google में भी 25% नया कोड अब इंसान नहीं बल्कि AI बना रहा है. Meta के Mark Zuckerberg ने तो दावा किया है कि अगले साल तक आधा डेवलपमेंट AI-driven होगा.
इंजीनियर्स के लिए नयी चुनौती
इस ट्रेंड ने डेवलपर्स के बीच हलचल मचा दी है. OpenAI के Sam Altman का कहना है कि निकट भविष्य में Software Engineers की डिमांड घट सकती है, क्योंकि एक इंजीनियर अब AI की मदद से पहले से कई गुना काम कर सकता है. वहीं Nvidia के CEO Jensen Huang ने कहा- अब नया Programming Language इंसान की भाषा है.
स्टार्टअप्स में AI का दबदबा
Y Combinator के प्रमुख Garry Tan ने बताया कि अब 10 Vibe Coders, 100 पारंपरिक इंजीनियरों के बराबर आउटपुट दे रहे हैं. उनके अनुसार, अब 25% स्टार्टअप्स अपने 95% कोड AI से बनवा रहे हैं.
Vibe Coding ने हर ट्रेंड को पीछे छोड़ा
Collins Dictionary ने बताया कि Vibe Coding ने बाकी दावेदारों Clanker, Broligarchy और Aura Farming को पछाड़ दिया. Collins के Alex Beecroft ने कहा, यह इस बात का प्रतीक है कि भाषा और तकनीक अब एक साथ विकसित हो रहे हैं.
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