Red Sea Internet Cable Cut Reason: बीते दिनों लाल सागर (Red Sea) में एक अप्रत्याशित घटना ने वैश्विक इंटरनेट नेटवर्क को हिला दिया. भारत, पाकिस्तान, सऊदी अरब और अन्य देशों में इंटरनेट स्पीड अचानक धीमी हो गई. पहले यह माना जा रहा था कि यमन के हूती विद्रोहियों ने जानबूझकर केबल को निशाना बनाया, लेकिन अब असली वजह सामने आ चुकी है.
जहाज के लंगर से टूटी चार केबलें
एपी की रिपोर्ट के अनुसार, एक कमर्शियल जहाज ने गलती से अपना लंगर गिरा दिया, जो समुद्र तल पर बिछी चार फाइबर ऑप्टिक केबलों को घसीटते हुए तोड़ गया. यह घटना लाल सागर के गहरे हिस्से में हुई. इन केबलों की मरम्मत में महीनों लग सकते हैं क्योंकि समुद्र की गहराई में काम करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है.
मरम्मत क्यों है इतनी मुश्किल?
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, समुद्र में बिछी इंटरनेट केबलें आमतौर पर 3,000 से 8,000 मीटर गहराई में होती हैं. इन्हें ठीक करने के लिए विशेष तकनीक और प्रशिक्षित फाइबर गोताखोरों की जरूरत होती है. साइबर सुरक्षा कंपनी Palo Alto के इंजीनियर यासर सईद के अनुसार, सटीक कट का पता लगाना और उसे जोड़ना एक जटिल प्रक्रिया है जो महीनों तक चल सकती है.
प्राकृतिक आपदाएं और तकनीकी चुनौतियां
समुद्री केबलों को नुकसान सिर्फ जहाजों से नहीं होता. भूकंप, समुद्री तूफान, और समुद्र की सतह पर चलने वाली गतिविधियां भी इन्हें प्रभावित कर सकती हैं. साथ ही, हर 5-10 साल में केबलों के घिसने की वजह से दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं. मरम्मत के लिए सबसे पहले उस स्थान की पहचान करनी होती है जहां केबल टूटी है, जो समुद्र की गहराई में बेहद मुश्किल काम है.
वैश्विक असर और भारत में प्रभाव
इस घटना का असर भारत में भी देखा गया, जहां कई यूजर्स को इंटरनेट स्पीड में गिरावट का सामना करना पड़ा. खासकर क्लाउड सर्विसेज, वीडियो कॉलिंग और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में दिक्कतें आईं. विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक केबलें पूरी तरह ठीक नहीं हो जातीं, तब तक इंटरनेट सेवाओं में अस्थिरता बनी रहेगी.
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