भारत में ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया अब बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है. केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर नया कानून Online Gaming Bill 2025 लागू करने का ऐलान किया है, जो 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा. केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे डिजिटल सुरक्षा की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया है.
क्या है Online Gaming Bill 2025 ?
सरकार ने यह विधेयक उन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर लगाम लगाने के लिए तैयार किया है जो आसान कमाई का लालच देकर युवाओं को लत, कर्ज और मानसिक तनाव की ओर धकेलते हैं. WHO पहले ही गेमिंग डिसऑर्डर को बीमारी मान चुका है और रिपोर्टों के अनुसार लाखों युवा इसकी चपेट में आ चुके हैं.
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किन प्लेटफॉर्म्स पर लागू होगा यह कानून ?
- भारत और विदेशों से संचालित सभी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर लागू होगा
- ई-स्पोर्ट्स को वैध खेल का दर्जा मिलेगा, जिससे प्रशिक्षण अकादमियां, शोध केंद्र और टूर्नामेंट्स को बढ़ावा मिलेगा
- ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा—इनका प्रचार, प्रसार और वित्तीय लेनदेन अवैध होगा.
राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण की भूमिका क्या है ?
- एक केंद्रीय नियामक संस्था गेम्स की श्रेणी तय करेगी
- सभी गेमिंग कंपनियों का पंजीकरण अनिवार्य होगा
- शिकायतों की सुनवाई और समाधान इसी प्राधिकरण के तहत होगा.
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सजा और जुर्माने का प्रावधान क्या है ?
- मनी गेम्स चलाने पर 3 साल की जेल और ₹1 करोड़ तक जुर्माना
- अवैध विज्ञापन पर 2 साल की सजा और ₹50 लाख जुर्माना
- बार-बार अपराध पर 5 साल की सजा और ₹2 करोड़ तक जुर्माना
- दोषी अधिकारियों पर सीधी कार्रवाई होगी
- सरकार को तलाशी, गिरफ्तारी और डिजिटल संपत्ति जब्त करने का अधिकार मिलेगा.
परिवारों की सुरक्षा और डिजिटल भविष्य
सरकार का कहना है कि यह कानून न केवल युवाओं को गेमिंग लत से बचाएगा, बल्कि भारत को एक सुरक्षित डिजिटल भविष्य की ओर ले जाएगा. उद्योग जगत के साथ अंतिम बैठक के बाद यह नियम लागू होंगे.
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