Online Gaming: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर एक बड़ी बात कही है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि सरकार ने किसी भी दबाव में आए बिना युवाओं के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन एवं विनियमन अधिनियम, 2025 को लागू किया है. यह कानून गेमिंग और जुए के बीच स्पष्ट अंतर स्थापित करता है और ऑनलाइन मनी गेम्स से होने वाले सामाजिक नुकसान को रोकने की दिशा में एक निर्णायक कदम है.
शिक्षकों की भूमिका: छात्रों को जागरूक करने की अपील
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों के साथ संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग में रोजगार के बड़े अवसर हैं, लेकिन इसके साथ ही इसके दुष्प्रभाव भी गंभीर हैं. उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे छात्रों को गेमिंग और जुए के बीच अंतर समझाएं और उन्हें इस क्षेत्र में उपलब्ध सकारात्मक अवसरों के प्रति जागरूक करें.
गेमिंग बुरी नहीं है, लेकिन जुआ बुरा है
मोदी ने कहा, “गेमिंग बुरी नहीं है, लेकिन जुआ बुरा है.” उन्होंने बताया कि कई ताकतें इस कानून के खिलाफ थीं, लेकिन सरकार ने युवाओं के हित में राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाते हुए ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि यह लत बन चुकी थी, जिससे परिवारों में तनाव और आत्महत्या जैसे मामले सामने आ रहे थे.
वैश्विक गेमिंग बाजार में भारत की भागीदारी
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और कथाओं के आधार पर कई गेम्स बनाए जा सकते हैं, जो वैश्विक गेमिंग बाजार में भारत की पहचान को मजबूत करेंगे. उन्होंने बताया कि कई स्टार्टअप इस दिशा में काम कर रहे हैं और छात्रों को इस क्षेत्र में करियर विकल्पों के बारे में जानकारी देना आवश्यक है.
ओलंपिक में गेमिंग, लेकिन लत से बचाव जरूरी
मोदी ने यह भी बताया कि ऑनलाइन गेमिंग को अब ओलंपिक में भी शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रतिभा को पहचानना जरूरी है, लेकिन गेमिंग को लत बनने से रोकना और बच्चों को हानिकारक कंटेंट से बचाना सरकार की प्राथमिकता है.
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