दिन-ब-दिन तापमान बढ़ता जा रहा है. गर्मी से लोगों का हाल बेहाल हो गया है. कड़कड़ाती धूप के कारण घर के छत तपने लगे हैं. हालात ऐसे हो गए हैं कि अब तो पंखे भी इस गर्मी के आगे फेल हो गए हैं. AC-कूलर से गर्मी से राहत तो मिल जाए लेकिन फिर बढ़े हुए बिजली के बिल से राहत नहीं मिलेगी. लेकिन क्या हो अगर हम आपको बताएं कि आप इस तपती गर्मी और बढ़ते बिजली बिल से अब आसानी से राहत पा सकते हैं. एक ऐसी टेक्नोलॉजी (Cool Roof Technology) है जो आपके घर को तो ठंडा रखेगी और इसके लिए आपके पैसे भी ज्यादा खर्च नहीं होंगे.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने इस गर्मी का अलग ही तोड़ निकाल लिया है. इस गर्मी से बचने के लिए दिल्ली सरकार ने कूल रूफ टेक्नोलॉजी (Cool Roof Technology) लागू करने का फैसला लिया है. जिससे बिना एसी के ही इस गर्मी में ठंडक मिल जाएगी. साथ ही बिजली के बिल से लोगों को राहत मिलेगी. दिल्ली में इस कूल रूफ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शहर के बस टर्मिनल्स और सरकारी इमारतों में करने वाली है. जिससे यात्रियों और कर्मचारियों को राहत मिल सके. साथ ही इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से न सिर्फ बिल्डिंग अंदर से ठंडी रहेगी बल्कि बिजली की खपत भी ज्यादा नहीं होगी. तो चलिए फिर डिटेल्स में जानते हैं इस नई टेक्नोलॉजी के बारे में…
क्या है कूल रूफ टेक्नोलॉजी (Cool Roof Technology)
गर्मियों में अक्सर चिलचिलाती तेज धूप के कारण घर के छत जल्दी गर्म हो जाते हैं. ऐसे में छत के गर्म हो जाने पर पूरा घर भी गर्म रहता है. फिर कितना भी एसी-कूलर चला ले गर्मी से राहत जल्दी नहीं मिलती. ऐसे में यह नई कूल रूफ टेक्नोलॉजी में ऐसी छत बनाने की तकनीक है जो घर की छतों को गर्म होने से बचाती है. यह टेक्नोलॉजी सूर्य से आने वाली सीधी किरण को रिफलेक्ट कर देती है और छत को गर्म होने से बचाती है. अन्य छतों की तुलना में कूल रूफ्स तकनीकी वाले छत कम गर्मी सोखते हैं और पूरी बिल्डिंग को ठंडा रखते हैं. इस टेक्नोलॉजी के लिए खास मटेरियल्स का प्रयोग किया जाता है, जो सूर्य यूवी (UV) किरणों को रिफलेक्ट करती है और तेजी से वातावरण में सोखी हुई गर्मी को रिलीज करती है.
कैसे काम करता है कूल रूफ टेक्नोलॉजी?
बता दें कि, घर के छतों को कूल रूफ में बदलने के लिए सिरेमिक कोटिंग वाले खास मटेरियल फाइबरग्लास वेब अस्फाल्ट शिंगल का इस्तेमाल किया जाता है. सिरेमिक कोटिंग फाइबरग्लास के ऊपर की जाती है. सिरेमिक कोटिंग सूर्य की सीधी किरणों को रिफलेक्ट करती है और वहीं शिंगल इंसूलेटर की तरह काम करता है. ये छत के तापमान को घर की दीवारों पर पहुंचने से रोकता है. जिससे अन्य साधारण छतों के मुकाबले कूल रूफ तकनीकी वाला छत जल्दी गर्म नहीं होता और ज्यादा ठंडा रहता है. वहीं, कई जगहों पर अस्फाल्ट शिंगल की जगह लकड़ी, मिट्टी/कंक्रीट/स्लेट की बनी टाइलें व पॉलिमर शिंगल का इस्तेमाल किया जाता है.
यह भी पढ़ें: Ceiling Fan Buying Guide: सिर्फ डिजाइन देख कर न खरीदें सीलिंग फैन, यह 6 बातें भी जानना बहुत जरूरी
कूल रूफ तकनीक के फायदे
कूल रूफ टेक्नोलॉजी के कई सारे फायदे हैं. इस तकनीक के कारण घर का छत ठंडा रहेगा. छत ठंडा रहने से घर की दीवारें गर्म नहीं होगी और घर में AC की जरूरत नहीं पड़ेगी. जिससे न सिर्फ बिजली की बचत होगी बल्कि एसी लगाने के दौरान होने वाले तोड़फोड़ से आपकी दीवारें भी बचीं रहेंगी.
इस तकनीक का इस्तेमाल हर कोई कर सकता है. अगर आप भी इस भयंकर गर्मी से बचना चाहते हैं तो फिर आपके लिए ये तकनीक बजट फ्रेंडली है. तकनीक के मटेरियल्स (सिरेमिक-कोटेड शिंगल्स, मेटल टाइल्स और रिफ्लेक्टिव पेंट्स) आपके बजट में एकदम फिट बैठेंगे. साथ ही ये मटेरियल्स आपको आसानी से मिल भी जाएंगे. छत की साइज के हिसाब से आपको मटेरियल्स खरीदने होंगे. Berger और Asian Pants कूल रूफ पेंट्स भी ऑफर करते हैं, जिसे आप आसानी से अपने छत पर एप्लाई कर सकते हैं. एसी के मुकाबले आपके लिए ये टेक्नोलॉजी ज्यादा सही रहेगी.
यह भी पढ़ें: Cooler Hacks : कूलर से भी आएगी एसी जैसी ठंडी हवा, बस कर लें ये उपाय, फिर कमरा हो जाएगा कूल-कूल
टेक्नोलॉजी की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें