LPG Stove Star Rating: ऊर्जा संरक्षण और हरित रसोई की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. अब एयर कंडीशनर और अन्य विद्युत उपकरणों की तरह घरेलू एलपीजी गैस चूल्हों पर भी ऊर्जा दक्षता के आधार पर स्टार रेटिंग अनिवार्य कर दी गई है. यह नियम 1 जनवरी 2026 से पूरे देश में लागू होगा.
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत इस अधिसूचना को जारी किया है, जिसे सरकारी राजपत्र में प्रकाशित किया गया है. यह कदम ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) की सलाह पर उठाया गया है.
क्या है नई स्टार रेटिंग व्यवस्था?
एलपीजी स्टोव की तापीय दक्षता के आधार पर उन्हें 1 से 5 स्टार तक की रेटिंग दी जाएगी:
| स्टार रेटिंग | तापीय दक्षता (%) |
| 1 स्टार | ≥68% और <70% |
| 2 स्टार | ≥70% और <72% |
| 3 स्टार | ≥72% और <74% |
| 4 स्टार | ≥74% और <76% |
| 5 स्टार | ≥76% |
हर चूल्हे पर एक आधिकारिक लेबल लगाया जाएगा, जिससे ग्राहक ऊर्जा प्रदर्शन की आसानी से तुलना कर सकें.
कब तक मान्य होगी यह रेटिंग?
यह लेबलिंग योजना 1 जनवरी 2026 से 31 दिसंबर 2028 तक मान्य रहेगी. इसके बाद हर दो साल में इसकी समीक्षा की जाएगी.
पंजीकरण और पात्रता
सभी निर्माता और आयातकों को BEE के ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. केवल वही एलपीजी स्टोव लेबलिंग के लिए पात्र होंगे, जो सिर्फ एलपीजी पर चलते हैं और जिनके पास वैध BIS प्रमाणन है.
यह पहल न केवल ऊर्जा की बचत को बढ़ावा देगी, बल्कि उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प चुनने में भी मदद करेगी. भारत में हरित रसोई की ओर यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
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