Google AI Solved Superbug Mystery in 48 Hours: आज के समय में बीमारियों का इलाज करना आसान नहीं रहा. खासकर जब बैक्टीरिया दवाओं पर असर करना बंद कर दे. लेकिन अब इस समस्या का हल आ गया है! गूगल के AI टूल Co-Scientist ने एक ऐसा कमाल किया है, जो विज्ञान की दुनिया में मील का पत्थर साबित हो सकता है. AI ने 10 साल पुरानी सुपरबग पहेली को सिर्फ 48 घंटों में हल कर दिया. यह खोज दवा निर्माण में क्रांति ला सकती है और भविष्य में बीमारियों की रोकथाम को और आसान बना सकती है.
सुपरबग क्या हैं?
सुपरबग्स वे बैक्टीरिया होते हैं, जिन पर एंटीबायोटिक दवाएं बेअसर हो जाती हैं. यानी, अगर किसी को संक्रमण हो जाए और उस पर दवाएं काम न करें, तो इलाज बेहद मुश्किल हो जाता है. कुछ आम सुपरबग्स में MRSA (Methicillin-resistant Staphylococcus aureus) और ड्रग-रेसिस्टेंट टीबी शामिल हैं.
सुपरबग क्यों खतरनाक है?
ज्यादा मौतें: WHO के अनुसार, हर साल 1.27 मिलियन से ज्यादा लोगों की मौत एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस के कारण होती है.
लंबे अस्पताल में भर्ती रहना: दवा-प्रतिरोधी संक्रमण का इलाज मुश्किल होता है, जिससे मरीजों को अस्पताल में ज्यादा दिन रहना पड़ता है.
बढ़ते खर्चे: सुपरबग्स का इलाज पूरी दुनिया में अरबों डॉलर खर्च करवाता है.
AI ने सुपरबग मिस्ट्री को 48 घंटे में कैसे सुलझाया?
Imperial College London के वैज्ञानिक पिछले 10 सालों से यह समझने की कोशिश कर रहे थे कि बैक्टीरिया एंटीबायोटिक के खिलाफ इतनी तेजी से ताकतवर कैसे बन रहे हैं. उनका मानना था कि बैक्टीरिया वायरस की “पूंछ” चुराकर रेजिस्टेंस जीन को एक-दूसरे में फैलाते हैं. इस गुत्थी को सुलझाने में AI ने बड़ी मदद की. जो रिसर्चर्स 10 साल में नहीं समझ पाए, AI ने सिर्फ 48 घंटे में हल कर दिया!
AI से अब इलाज
AI अब सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि चिकित्सा विज्ञान की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है. यह न केवल नई दवाओं की खोज को तेज करेगा, बल्कि बीमारियों की रोकथाम और इलाज को भी बेहतर बनाएगा. आने वाले समय में AI का रोल हेल्थकेयर, रिसर्च और पब्लिक हेल्थ में और भी ज्यादा महत्वपूर्ण होने वाला है!
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