Chrome vs Comet: कल्पना कीजिए, आप इंटरनेट पर घूम रहे हैं और अचानक एक सवाल दिमाग में कौंधता है- “इस प्रोडक्ट की कीमत क्या है?” या “इस आर्टिकल का सारांश दो.” पुराने जमाने में आप सर्च बार पर क्लिक करते, लिंक्स खंगालते और घंटों बिताते. लेकिन अब? बस बोलिए, और AI आपके लिए सब कुछ कर देगा! हां, हम बात कर रहे हैं Perplexity AI के नए हथियार ‘Comet’ ब्राउजर की, जो भारत में धमाकेदार लॉन्च हाे चुका है. Google Chrome के 68% बाजार पर कब्जे के बीच ये AI-पावर्ड ब्राउजर आया है जैसे कोई तूफान. Chromium पर बने Comet ने ब्राउजिंग को ‘एजेंटिक’ बना दिया- यानी AI खुद टास्क्स संभाल लेगा, जैसे ईमेल ड्राफ्ट करना या शॉपिंग कंपेयर. लेकिन क्या ये Chrome को वाकई पछाड़ पाएगा? आइए, इसकी गहराई में उतरें.
Comet का जन्म: AI सर्च से ब्राउजर तक का सफर
Perplexity AI, जो NVIDIA द्वारा समर्थित स्टार्टअप है, ने 2023 में AI सर्च इंजन से शुरुआत की. अब Comet के साथ ये ब्राउजर वॉर में उतर गया. जुलाई 2025 में ग्लोबल लॉन्च के बाद भारत में Pro सब्सक्राइबर्स के लिए उपलब्ध. कीमत? Pro प्लान $20/महीना से शुरू, Max $200/महीना. Windows/Mac पर तुरंत डाउनलोड, Android प्री-ऑर्डर और iOS जल्द. Chrome यूजर्स आसानी से बुकमार्क्स और एक्सटेंशन्स इंपोर्ट कर सकते हैं. लेकिन अंतर? Comet Perplexity को डिफॉल्ट सर्च बनाता है, जो जवाब + सोर्स देता है, न कि सिर्फ लिंक्स.
Chrome vs Comet: 5 ऐसे फर्क जो हैरान कर देंगे
Google Chrome तेज और यूनिवर्सल है, लेकिन Comet AI को दिल में रखता है. पहला फर्क: सर्च इंजन. Chrome में Google लिंक्स देता, Comet Perplexity से डायरेक्ट आंसर + साइटेशन. दूसरा फर्क: AI असिस्टेंट. Comet का साइडबार AI पेज समरी, वॉइस क्वेरी और क्रॉस-टैब कन्टेक्स्ट रखता. Chrome में Gemini अलग ऐड-ऑन. तीसरा फर्क: वर्कस्पेस vs टैब्स. Comet टैब्स की जगह वर्कस्पेस बनाता, जो रिलेटेड कंटेंट सजेस्ट करता. चौथा फर्क: ऑटोमेशन. Comet AI एजेंट ईमेल समरी, मीटिंग बुकिंग या अमेजन शॉपिंग खुद करता. Chrome मैन्युअल. पांचवां फर्क: प्राइवेसी. Comet में नेटिव ऐड-ब्लॉकर, कोई Google ट्रैकिंग नहीं. Chrome एक्सटेंशन्स पर निर्भर. कुल मिलाकर, Comet रिसर्चर्स और प्रोफेशनल्स के लिए Chrome से 2x तेज.
भारत में लॉन्च: प्रोफेशनल्स का नया साथी या महंगा खिलौना?
भारत में 1.4 अरब इंटरनेट यूजर्स के बीच Comet का आगमन समय पर है. स्टूडेंट्स रिसर्च, जॉब सीकर्स जॉब कंपेयर और बिजनेसमैन टास्क ऑटोमेशन के लिए परफेक्ट है. लेकिन चुनौतियां भी हैं. अभी महंगा है ($20/महीना), और कीवर्ड सर्च में Chrome से कम सटीक. रिव्यूज मिश्रित: कुछ यूजर्स कहते है, “Chrome से RAM कम खाता है,” तो कुछ कहते है “AI स्लो लगता है.” फिर भी, एंटीट्रस्ट केस में Google पर दबाव से Comet को मौका है. OpenAI भी अपना AI ब्राउजर ला रहा है. भारत में मोटोरोला जैसे पार्टनर्स प्री-इंस्टॉल कर सकते है.
Chrome vs Comet: फीचर्स जो ब्राउजिंग को ‘सुपरपावर’ बनाते हैं
Comet की ताकत इसका AI साइडबार है- पेज पर सवाल पूछो, वो जवाब देगा. वॉइस मोड से बोलकर सर्च, या ‘टेक कंट्रोल’ से AI ब्राउजर कंट्रोल करे. शॉपिंग? प्रोडक्ट कंपेयर कर बेस्ट डील सजेस्ट. ईमेल? समरी + ड्राफ्ट. वर्कस्पेस से टैब्स ऑर्गनाइज, और प्राइवेसी ऑप्ट-आउट से डेटा सेफ. परफॉर्मेंस Chrome जैसी, लेकिन AI यूज पर 10-15% ज्यादा RAM. फ्यूचर? Perplexity वादा करता- और फीचर्स, जैसे मोबाइल सपोर्ट.
क्या Chrome का अंत नजदीक है?
Comet Chrome को चैलेंज कर रहा, लेकिन रिप्लेस? अभी नहीं. Chrome का इकोसिस्टम मजबूत. लेकिन AI बूम में Comet जैसे टूल्स भविष्य हैं. अगर आप रिसर्चर हैं, ट्राय करें perplexity.ai/comet पर. भारत में ये डिजिटल इंडिया को बूस्ट देगा.
AI ब्राउजिंग का युग शुरू
Perplexity Comet ने ब्राउजिंग को कन्वर्सेशन बना दिया. Chrome फ्री और तेज, लेकिन Comet स्मार्ट. स्विच करें या नहीं? आपकी जरूरत पर. ये AI क्रांति का संकेत- जल्द ही सभी ब्राउजर्स बदलेंगे.
FAQs: Perplexity Comet से जुड़े सवाल
Q1: Perplexity Comet ब्राउजर क्या है?
A: Comet Perplexity AI का Chromium-बेस्ड ब्राउजर है, जो AI से रिसर्च और टास्क्स आसान बनाता है.
Q2: Comet और Google Chrome में मुख्य फर्क क्या?
A: Comet AI असिस्टेंट, वर्कस्पेस और प्राइवेसी पर फोकस; Chrome स्पीड और एक्सटेंशन्स पर.
Q3: भारत में Comet कैसे डाउनलोड करें?
A: Pro सब्सक्रिप्शन लें, perplexity.ai/comet से Windows/Mac डाउनलोड. Android प्री-ऑर्डर.
Q4: Comet की कीमत कितनी?
A: Pro $20/महीना, Max $200/महीना. फ्री वर्जन जल्द.
Q5: क्या Comet Chrome को रिप्लेस करेगा?
A: अभी चैलेंज, लेकिन AI फीचर्स से भविष्य में हां.
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