दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में ऐलान किया कि भारत अब केवल तकनीक का अनुयायी नहीं रहेगा, बल्कि 6जी (India 6G) के दौर में दुनिया का नेतृत्व करेगा. उन्होंने कहा कि 4जी में भारत पीछे चला, 5जी में कदम से कदम मिलाया और अब 6जी में पूरी दुनिया को दिशा दिखाएगा.
5जी की सफलता बनी वैश्विक कहानी
सिंधिया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 5जी का क्रियान्वयन भारत की ही नहीं, बल्कि विश्व की सफलता की कहानी बन चुका है. 2023 से अब तक देश में करीब 5 लाख बीटीएस (बेस ट्रांसीवर स्टेशन) लगाये जा चुके हैं. आज 778 जिलों में से 767 जिलों में 5जी नेटवर्क उपलब्ध है.
उपभोक्ताओं की संख्या में बूम
मंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत में 36 करोड़5जी उपभोक्ता हैं. अनुमान है कि यह संख्या 2026 तक 42 करोड़ और 2030 तक 100 करोड़ तक पहुंच जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि यही आधार भारत को 6जी की ओर ले जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों में सैटेलाइट कनेक्टिविटी
ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में नेटवर्क की समस्या को लेकर सिंधिया ने कहा कि जहां सामान्य टेलीकॉम पहुंच नहीं है, वहां सेटकॉम (सैटेलाइट कम्युनिकेशन) से कनेक्टिविटी दी जाएगी. इसके लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया चल रही है और Starlink, OneWeb और रिलायंस जैसी कंपनियों को लाइसेंस दिये गए हैं.
उड़ानों में नेटवर्क की तैयारी
विमान यात्राओं के दौरान मोबाइल नेटवर्क की समस्या पर सिंधिया ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने नियमों की रूपरेखा तैयार कर ली है. नागर विमानन मंत्रालय को नियम परिभाषित करने होंगे और एयरलाइंस को हर विमान पर ट्रांसपोंडर लगाना होगा ताकि यात्रियों को उड़ान में भी नेटवर्क मिल सके.
निर्यात में उछाल, आयात स्थिर
सिंधिया ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में भारत के दूरसंचार उपकरणों का निर्यात 10 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 18,406 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यानी 72% की बढ़ोतरी. वहीं आयात का स्तर 51 हजार करोड़ रुपये पर स्थिर है.
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