10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

मरने के बाद भी फेसबुक अकाउंट एक्सेस पर कोर्ट का फैसला, बच्चे का अकाउंट लॉग इन कर सकेंगे माता-पिता

आज सोशल मीडिया का जमाना है. इस दौर में शायद ही कोई ऐसा होगा जो फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइटों से जुड़ा नहीं हो. बच्चा हो या बुजुर्ग, आज लगभग हर व्यक्ति का अपना एक फेसबुक अकाउंट है. जीते जी तो संबंधित व्यक्ति अपना अकाउंट एक्सेस करता है लेकिन, उसकी मौत के बाद […]

आज सोशल मीडिया का जमाना है. इस दौर में शायद ही कोई ऐसा होगा जो फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइटों से जुड़ा नहीं हो. बच्चा हो या बुजुर्ग, आज लगभग हर व्यक्ति का अपना एक फेसबुक अकाउंट है.

जीते जी तो संबंधित व्यक्ति अपना अकाउंट एक्सेस करता है लेकिन, उसकी मौत के बाद उस फेसबुक अकाउंट के एक्सेस को लेकर जर्मनी की कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.

कोर्ट ने अपने निर्णय में फेसबुक को आदेश दिया कि वह मृत बेटी के अकाउंट को लॉग इन कर पाने की इजाजत उसकी मां को दे. हालांकि, इसके लिए उसकी मां को एक लंबा संघर्ष करना पड़ा. कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि अगर नाबालिग फेसबुक अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो उसके अकाउंट का उत्तराधिकार माता-पिता को मिल सकता है.

पहले लॉगइन परमिशन देने से किया था इंकार : जर्मनी के एक माता-पिता ने अपनी बेटी की मौत के बाद उसके फेसबुक अकाउंट को लॉगइन करना चाहते थे.

इसके लिए फेसबुक से अमुमति मांगी. लेकिन, फेसबुक ने साफ मना कर दिया. माता-पिता ने कोर्ट का सहारा लिया. माता-पिता का कहना था कि उनकी बेटी की 2012 में संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गयी थी. वे अकाउंट के जरिये मौत से जुड़े कुछ सवालों के जवाब ढूंढना चाह रहे थे. लेकिन, फेसबुक ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी का हवाला देकर अकाउंट का लॉग इन करने की इजाजत नहीं दी.

मां-बाप जानना चाहते थे कि दुर्घटना थी या खुदकुशी

स्थानीय अदालत ने 2015 में माता-पिता के पक्ष में दिया था फैसला

बर्लिन हाइकोर्ट ने इस मामले में माता-पिता और फेसबुक को कोर्ट के बाहर समझौता करने का मौका भी दिया, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. हालांकि, बर्लिन की एक स्थानीय अदालत ने साल 2015 में माता-पिता के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसे फेसबुक ने हाइकोर्ट में चुनौती दी थी. हाइकोर्ट ने भी अब माता-पिता के पक्ष में ही फैसला दिया है. माता-पिता अब अपनी मृत बेटी के फेसबुक अकाउंट को एक्सेस कर पायेंगे.

इस फैसले को ऐतिहासिक बताया जा रहा है, क्योंकि इससे यह साफ हो गया है कि मरने के बाद बच्चे के फेसबुक अकाउंट का क्या होगा. मरने के बाद फेसबुक अकाउंट किसकी संपत्ति होगी.

एनालॉग और डिजिटल संपत्तियों को किया अलग-अलग डिफाइन

पांच साल पहले लड़की की मौत बर्लिन के एक सब-वे स्टेशन पर ट्रेन के सामने आ जाने से हुई थी. लेकिन, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह कोई दुर्घटना थी या खुदकशी. माता-पिता इसकी सच्चाई को जानना साहते थे.

कोर्ट के सामने अब यह सवाल था कि डिजिटल खातों को भी एनालॉग संपत्ति के दायरे में रखा जाये या नहीं. स्थानीय अदालत ने फैसला सुनाते समय यह तर्क दिया था कि एनालॉग और डिजिटल संपत्तियों के साथ समान रुख नहीं अपनाया जाये तो यह विरोधाभास पैदा होगा कि चिट्ठी-पत्र, डायरी, सामग्री के लिहाज से स्वतंत्र हैं लेकिन इमेल और फेसबुक नहीं.

अदालत ने कहा था कि बेटी की निजी संपत्ति पर माता-पिता की पहुंच से निजी अधिकार का उल्लंघन नहीं होता क्योंकि उन्हें यह जानने का पूरा हक है कि उनके नाबालिग बच्चे ऑनलाइन क्या कर रहे हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel