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टेस्ला को टक्कर : अमेरिका में सात ऑटो कंपनियों ने लॉन्च किया ईवी चार्जिंग नेटवर्क

टेस्ला को चुनौती देने के लिए ईवी चार्जिंग नेटवर्क शुरू करने वाली कंपनियों का कहना है कि इस नए संयुक्त उद्यम का लक्ष्य उत्तरी अमेरिका में 30,000 चार्जर्स को लगाना है, जो प्रमुख हाईवे और शहरों में शुरू होगा. इन वाहन निर्माताओं ने यह नहीं बताया कि वे व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से कितना निवेश करेंगे.

वॉशिंगटन/नई दिल्ली : दुनिया के अरबपति उद्योगपतियों में शुमार एलन मस्क की टेस्ला को अमेरिका में बड़ा झटका लगा है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में सात प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियों ने टेस्ला को चुनौती देने और राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन की ओर से अभी हाल ही में लागू किए गए आईआरए (इन्फ्लेशन रिडक्शन एक्ट) के तहत दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग नेटवर्क की शुरुआत कर दी है. इसके लिए इन सात वाहन निर्माताओं की ओर से एक नई कंपनी का गठन किया जाएगा. टेस्ला को चुनौती देने के लिए अमेरिका में जिन सात प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियों ने ईवी चार्जिंग नेटवर्क की शुरुआत की है, उनमें जनरल मोटर्स, स्टेलेंटिस, हुंडई मोटर, होंडा मोटर की सहयोगी किआ, होंडा, बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज बेंज शामिल हैं. ये सभी कंपनियों का अमेरिका के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में आधे अधिक हिस्सेदारी है. हालांकि, ईवी बाजार के एक छोटे हिस्से पर टेस्ला का कब्जा कायम है.

उत्तरी अमेरिका में लगाए जाएंगे 30,000 चार्जर्स

टेस्ला को चुनौती देने के लिए ईवी चार्जिंग नेटवर्क शुरू करने वाली कंपनियों का कहना है कि इस नए संयुक्त उद्यम का लक्ष्य उत्तरी अमेरिका में 30,000 चार्जर्स को लगाना है, जो प्रमुख हाईवे और शहरों में शुरू होगा. हालांकि, इन वाहन निर्माताओं ने यह नहीं बताया कि वे व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से कितना निवेश करेंगे, लेकिन उनका कहना है कि उनके दरवाजे ऑटो उद्योग के बाहर सहित अन्य कंपनियों के लिए अतिरिक्त निवेश या भागीदारी के लिए खुले रहेंगे. इसके साथ ही, इस नए संयुक्त उद्यम के लिए नाम की घोषणा नहीं की गई है.

अमेरिका में लगे हैं 30,000 से अधिक फास्ट-चार्जिंग मशीनें

कंसल्टेंसी पीडब्ल्यूसी स्ट्रैटेजी एंड के पार्टनर अक्षय सिंह ने कहा कि इस साझेदारी के माध्यम से व्यक्तिगत चार्जिंग नेटवर्क बनाने की तुलना में निवेश बहुत कम होगा. उन्होंने कहा कि इससे उन्हें ग्राहकों के अनुभव को नियंत्रित करने और आंकड़े इकट्ठा करने का भी मौका मिलेगा. देश भर में 30,000 से अधिक फास्ट-चार्जिंग मशीनें लगी हैं. इसमें सबसे पावरफुल मॉडल के लिए प्रत्येक की कीमत कम से कम 1,00,000 डॉलर से लेकर 2,00,000 डॉलर तक हो सकती है. चार्जर्स की लागत के जानकार अधिकारियों ने कहा कि इस उद्यम की स्थापना में कई अरब डॉलर खर्च हो सकते हैं.

व्हाइट हाउस ने की सराहना

सात प्रमुख वाहन निर्माताओं द्वारा ईवी चार्जिंग नेटवर्क शुरू करने के बाद व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा, ‘हमें लगता है कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.’ बाइडन प्रशासन ने 2030 तक 5,00,000 चार्जर्स तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है, जो लगभग चार गुना वृद्धि है.

टेस्ला के 18,000 फास्ट-चार्जर्स का सबसे बड़ा नेटवर्क

टेस्ला का पिछले साल तक अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 60 फीसदी से अधिक का योगदान था और उसके पास लगभग 18,000 सुपरचार्जर के साथ फास्ट-चार्जर्स का सबसे बड़ा नेटवर्क है. टेस्ला ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि वह उस चार्जिंग नेटवर्क का एक हिस्सा प्रतिद्वंद्वियों से ईवी के लिए खोलेगा, ताकि सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी 7.5 बिलियन डॉलर हासिल हो सके.

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चार्जिंग नेटवर्क में टेस्ला का दबदबा

चार्जर्स नेटवर्क बनाने में टेस्ला की अगुवाई ने अमेरिका में मानकों को स्थापित करने में प्रभावित किया है, जिससे प्रतिद्वंद्वियों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि, अमेरिका में टेस्ला की ओर से विकसित चार्जिंग तकनीक को 2025 तक अपनाने के लिए जनरल मोटर्स और मर्सिडीज बेंज समेत कई वाहन निर्माताओं ने हस्ताक्षर किए हैं. जनरल मोटर्स ने पहले कहा था कि वह टेस्ला के नेटवर्क तक पहुंच से 400 मिलियन डॉलर की बचत कर सकती है. बुधवार को उसने कहा कि नया उद्यम लागत कम करने के उसके प्रयास का हिस्सा था और उसकी मौजूदा प्रतिबद्धताओं या सहयोग को नहीं बदलेगा. हालांकि, दूसरे वाहन निर्माताओं में स्टेलेंटिस, हुंडई, होंडा और बीएमडब्ल्यू उत्तरी अमेरिकी चार्जिंग स्टैंडर्ड (एनएसीएस) के रूप में जानी जाने वाली टेस्ला तकनीक के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं और उनकी उत्पाद योजनाएं संयुक्त चार्जिंग सिस्टम (सीसीएस) नामक पर निर्भर हैं.

KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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