10.8 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

क्या हट सकता है टिकटॉक पर लगा प्रतिबंध ? पढ़ें ये खास रिपोर्ट

Tik Tok , Tik Tok ban in india: मद्रास उच्च न्यायालय ने बीते वर्ष कुछ दिनों के लिए टिकटॉक पर रोक लगायी थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही हटा लिया गया. इस बार भी टिकटॉक ने कहा है कि वह भारतीय कानून के तहत डेटा की निजता और सुरक्षा का पूरी तरह अनुपालन करता है.

मद्रास उच्च न्यायालय ने बीते वर्ष कुछ दिनों के लिए टिकटॉक पर रोक लगायी थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही हटा लिया गया. इस बार भी टिकटॉक ने कहा है कि वह भारतीय कानून के तहत डेटा की निजता और सुरक्षा का पूरी तरह अनुपालन करता है. उसने किसी भारतीय यूजर की जानकारी चीन या अन्य देश के साथ साझा नहीं की है. वे भविष्य में भी इस शिष्टाचार को बनाये रखेंगे. टिकटॉक के भारत प्रमुख, निखिल गांधी ने कहा कि कंपनी को इस मामले पर स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया गया है. इसलिए, अभी भी हमारे पास वापसी का मौका है.

सरकारी दस्तावेजों और राष्ट्रीय हित से जुड़ी जानकारियों के बाहर जाने डर

इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने इस आशय की एक रिपोर्ट सरकार को भेजी थी. हालांकि, इससे पहले भी सरकार को एप से बढ़ते खतरे के प्रति आगाह किया जाता रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि फोन में मौजूद सभी जानकारियों को एप अपने उस सर्वर को भेजता है, जिस देश में उसे संचालित किया जाता है. यहां तक कि दस्तावेजों को स्कैन करनेवाले एप उसकी प्रति को पहले सर्वर पर भेज देता है. इससे सरकारी दस्तावेजों और राष्ट्रीय हित से जुड़ी जानकारियों के बाहर जाने का डर बना रहता है.

कैसे बेच दी जाती हैं निजी सूचनाएं

आज के दौर में मोबाइल एप और वेबसाइट से डेटा माइनिंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एक बड़ा व्यापार का रूप ले चुका है. इसके तहत एकत्र की गयी निजी जानकारियों को बेचा जाता है. ऑनलाइन सामान के ऑर्डर, जैसे खाना मंगाने, दवा या रोजमर्रा के सामान मंगाने के दौरान ही आपके द्वारा दर्ज की जानकारी की प्रोफाइलिंग की जाती है. सूचनाओं के इस बाजार में निजी जानकारियों की बिक्री रोक पाना मुश्किल होता जा रहा है. यह समस्या भारत ही नहीं है, बल्कि अन्य देशों में भी है. कई देशों ने विदेशी एप को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है. कुछ दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया ने चीनी एप वी-चैट पर रोक लगा दी थी.

देश से बाहर डेटा स्टोर होने के खतरे

सोशल मीडिया एप टिकटॉक, वीचैट के अलावा अलीबाबा ग्रुप के यूसी ब्राउजर, फैशन वेंडर शीइन और बाइडु मैप्स पर पाबंदी के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम नागरिकों के डेटा और निजता में किसी तरह की सेंध नहीं चाहते हैं. दरअसल, हमारा डेटा इन विदेशी कंपनियों के सर्वर पर स्टोर होता है. एप में लॉगइन करते समय हम जो परमिशन देते हैं, जिसमें कैमरे और माइक्रोफोन का एक्सेस मांगा जाता है, इससे फोन में मौजूद तस्वीरों और अन्य जानकारयों को एप द्वारा इकट्ठा कर लिया जाता है. कंपनियां अपने फायदे के लिए इसका अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करती हैं. सरकार को दूसरे देशों में स्थित सर्वर में स्टोर हो रहे हमारे डेटा के गलत इस्तेमाल होने का डर है.

Posted By : AMITABH KUMAR

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel