मालदा: रुपये नहीं मिलने पर उत्तेजित ग्राहकों ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) में जमकर तोड़फोड़ की. साथ बैंक शाखा के बगल में लगे एटीएम काउंटर पर भी ईंट-पत्थर बरसाये. गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे यह घटना मालदा शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर चांचल महकमा के रतुआ थाने के बालूपुर इलाके के एसबीआइ में घटी.
घटना के दौरान बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों ने किसी तरह भागकर जान बचायी. आरोप है कि पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद भी हालात काबू में नहीं आये. पुलिस के सामने ही बैंक के दरवाजे, खिड़कियों, साइनबोर्ड, एटीएम पर जमकर ईंट-पत्थर चलाये गये. ग्राहकों ने बांस लेकर भी तोड़फोड़ की. बाद में रतुआ थाने के ओसी हाराधन देव के नेतृत्व में विशाल पुलिस बल मौके पर पहुंचा. पुलिस के हस्तक्षेप के करीब घंटेभर बाद हालात काबू में आये.
एसबीआइ की बालूपुर शाखा के बैंक मैनेजर अंकन पाल ने बताया कि हमारे पास जिस तरह से पैसे आ रहे हैं, हम उसी तरह ग्राहकों को दे रहे हैं. लेकिन गुरुवार को लोगों ने बैंक में बवाल किया और तोड़फोड़ की. जिस तरह से हमले की घटना घटी, सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने किसी तरह भागकर जान बचायी. हम लोग अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. गुरुवार को बवाल के बाद से लेन-देन का काम बंद कर दिया गया. पूरे मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को भेज दी गयी है.
साढ़े तीन हजार हैं ग्राहक
एसबीआइ सूत्रों ने बताया कि बालूपुर शाखा में करीब साढ़े तीन हजार ग्राहक हैं. चांचल महकमा के रतुआ 1, चांचल 2 और हरिश्चंद्रपुर 2 ब्लॉक के निवासी इसी बैंक के सहारे हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना के दिन भोर से ही बड़ी संख्या में लोग बैंक में लाइन लगाये हुए थे. सुबह 10 बजे जब बैंक खुला, तो ग्राहकों को 1000 रुपये करके दिया जाने लगा. इसका ग्राहकों ने विरोध शुरू कर दिया. ग्राहकों की मांग थी कि उन्हें तय सीमा के हिसाब से 24 हजार रुपये दिये जायें. इसके बाद ग्राहकों के दबाव में बैंक ने 2000 रुपये देना शुरू किया. लेकिन इससे भी ग्राहक नहीं माने. इसके बाद बैंक अधिकारियों ने कहा कि 3000 रुपये से अधिक किसी हाल में नहीं दे पायेंगे. इसके बाद उत्तेजित ग्राहकों ने बैंककर्मियों को बाहर निकालकर मेनगेट में ताला जड़ दिया और तोड़फोड़ शुरू कर दी. डर के मारे अधिकारी-कर्मचारी मौके से भाग गये. इधर, महानंदाटोला गांव से आये एक ग्राहक मुशर्रफ मियां ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी की शादी 18 दिसंबर को है. बताया गया था कि बैंक से 24 हजार रुपये तक एक बार में मिल सकते हैं.
मेरे खाते में कुल 80 हजार रुपये हैं. लेकिन बैंक से केवल एक हजार रुपये दिये जा रहे थे. इतनी छोटी रकम लेकर मैं क्या करूंगा. लेकिन बैंक प्रबंधन ने मेरी कोई बात नहीं सुनी. बालूपुर गांव के निवासी तथा इस शाखा में बैंक ग्राहक अशरफ शेख, सैदुल शेख, इमरोज अली आदि ने बताया कि हम लोग बीते सप्ताह के गुरुवार से बैंक से खाली हाथ लौट रहे हैं. हम लोगों को कोई पैसा नहीं मिल रहा है. शाम को तीन बजे बैंक बंद हो जाता है. इसके बाद बैंक के भीतर कुछ लोगों को मोटी रकम दी जाती है.
एटीएम खुलता नहीं है. और बैंक खुलने के बाद सिर्फ हजार रुपये देने की बात कही जाती है. भारत सरकार का कहना है कि हर सप्ताह 24 हजार रुपये लिये जा सकते हैं, क्या यह सब झूठ है. इसके बाद ही बैंक में तोड़फोड़ की घटना हुई. रतुआ थाने के ओसी हाराधन देव ने बताया कि लोगों की भारी संख्या को देखते हुए हालात पर काबू पाने में वक्त लगा. अतिरिक्त पुलिस बल मंगाना पड़ा. उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्ति नष्ट करने का मुकदमा दर्ज किया गया है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. हालांकि इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.